tag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post7390155383316393335..comments2024-03-26T07:35:57.615-04:00Comments on सरोकार: ऑटोमोबाइल बाज़ार में मंदी और बदलते रुझान अरुण चन्द्र रॉयhttp://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-39639784982181468002019-08-21T03:25:30.562-04:002019-08-21T03:25:30.562-04:00धन्यवाद सर . धन्यवाद सर . अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-1757624435074349192019-08-19T03:25:42.810-04:002019-08-19T03:25:42.810-04:00भारत में शुरू से इनोवेशन पे ध्यान कम दिया जाता रहा...भारत में शुरू से इनोवेशन पे ध्यान कम दिया जाता रहा है ... और जिस तेजी से ग्राहक बदल रहे हैं उस तेज़ी से ये इंडस्ट्री कोप नहीं कर पाई है ... बाकी मंदी का दौर तो पूरे विश्व में फिर से चल ही रहा है ... अच्छा विश्लेषण है आपका ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-50199931473693053222019-08-14T11:24:37.497-04:002019-08-14T11:24:37.497-04:00डूबते चाँद को
देखना नहीं है
ऐसा कुछ सुना है
चाँद...डूबते चाँद को <br />देखना नहीं है <br />ऐसा कुछ सुना है<br />चाँद सूरज हो गया है अब <br />सुबह के सूरज के साथ <br />उसे भी उगना है <br />ऐसा सोचना <br />ऐसा देखना <br />और ऐसा ही दिखा है <br />कहना है अब <br />ऐसा कुछ बुना है। सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com