tag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post7412178288631751449..comments2024-03-26T07:35:57.615-04:00Comments on सरोकार: हार्नअरुण चन्द्र रॉयhttp://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-39527430713349512792011-01-14T01:03:29.600-05:002011-01-14T01:03:29.600-05:00.
अरुण जी आपके 'हार्न' ने समाज के विभिन्न....<br /><br />अरुण जी आपके 'हार्न' ने समाज के विभिन्न वर्गों की मानसिकताओं का स्वर तेज़ करके सुना दिया. <br />कमाल का है आपका यह आधुनिक हार्न. <br /><br />.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-18091813031245207292011-01-05T11:28:38.737-05:002011-01-05T11:28:38.737-05:00अरुण जी ,
हार्न जैसे विषय पर इतनी शानदार कविता ......अरुण जी ,<br />हार्न जैसे विषय पर इतनी शानदार कविता .....?<br />एक साधारण कवि नहीं कर सकता .....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-22241171455723671132011-01-04T22:03:25.381-05:002011-01-04T22:03:25.381-05:00जबकि
कुछ प्रतिबद्धित लोग
बजा रहे हैं हार्न
जगाने क...जबकि<br />कुछ प्रतिबद्धित लोग<br />बजा रहे हैं हार्न<br />जगाने के लिए<br />जागे हुए लोगो को<br />इस प्रयास में कुछ हार्न<br />शहीद कर दिए गए ख़ामोशी से ....<br /><br />इन बेहतरीन पंक्तियों ने निःशब्द कर दिया। <br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-88687971916759658762011-01-04T13:15:18.720-05:002011-01-04T13:15:18.720-05:00hahahaha...acchi janch padtaal kar daali aapnew to...hahahaha...acchi janch padtaal kar daali aapnew to horn kee duniya kee ..... acchi post hai ...स्वप्निल तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/17439788358212302769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-91970137688146354552011-01-04T13:04:24.173-05:002011-01-04T13:04:24.173-05:00वे जो बजा रहे थे वो हॉर्न नहीं था अरूण बाबू! उन्हे...वे जो बजा रहे थे वो हॉर्न नहीं था अरूण बाबू! उन्हें, जैसा कि आपने विभिन्न हॉर्न के नाम और प्रकार बताए, प्रचलित भाषा में तूती कहते हैं जो बाकी सारे हॉर्न की आवाज़ों में(जो इस नक्कारख़ाने में बज रही है) दबकर कब की शहीद हो चुकी है!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-1994376608039807922011-01-04T12:46:41.997-05:002011-01-04T12:46:41.997-05:00अरुण जी एक जगह आप चूक गए वो बैक हार्न और उसका विच...अरुण जी एक जगह आप चूक गए वो बैक हार्न और उसका विचलित करता संगीत उसे भी शोभायमान कर देते. वैसे बहुत ही अच्छी व्याख्या और विवेचनारचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-1579465176744041812011-01-04T12:11:01.332-05:002011-01-04T12:11:01.332-05:00... kyaa kahane ... behatreen rachanaa !!... kyaa kahane ... behatreen rachanaa !!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-32454105261611341562011-01-04T08:24:30.999-05:002011-01-04T08:24:30.999-05:00हार्न का सार्थक विवेचन।हार्न का सार्थक विवेचन।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-14584209015382401832011-01-04T07:01:26.600-05:002011-01-04T07:01:26.600-05:00आदरणीय अरुण रॉय जी
नमस्कार !
......आपका सन्देश समझ...आदरणीय अरुण रॉय जी<br />नमस्कार !<br />......आपका सन्देश समझ आ गया<br />हार्न बजाने की कतार में हम भी शामिल हैसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-2880530557872008552011-01-04T07:01:05.062-05:002011-01-04T07:01:05.062-05:00बेहतरीन सोच और लेखन का परिचायक है ये कविता…………।बेह...बेहतरीन सोच और लेखन का परिचायक है ये कविता…………।बेहद उम्दा।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-52891323548435938642011-01-04T06:24:59.770-05:002011-01-04T06:24:59.770-05:00हार्न पर लिखी ऐसी अनूठी रचना पहली बार पढ़ रहा हूँ....हार्न पर लिखी ऐसी अनूठी रचना पहली बार पढ़ रहा हूँ...कमाल किया है आपने...बधाई<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-45191288280902817322011-01-04T06:05:49.013-05:002011-01-04T06:05:49.013-05:00बहुत ही सुन्दर शब्द रचना ।बहुत ही सुन्दर शब्द रचना ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-91929131109407091652011-01-04T06:00:24.863-05:002011-01-04T06:00:24.863-05:00साईकिल की घंटी .. सर्वहारा हार्न
क्या खूब
और फिर...साईकिल की घंटी .. सर्वहारा हार्न <br />क्या खूब<br /><br />और फिर<br /><br />"कुछ प्रतिबद्धित लोग<br />बजा रहे हैं हार्न<br />जगाने के लिए<br />जागे हुए लोगो को<br />इस प्रयास में कुछ हार्न<br />शहीद कर दिए गए ख़ामोशी से"<br /><br />जागे हुए को जगाने के लिये हार्न ..<br /> और शहीद होते हार्न की अवधारणा अद्भुतM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-4220583695264095382011-01-04T05:54:26.266-05:002011-01-04T05:54:26.266-05:00अब क्या कहूँ ?????
निशब्द हूँ....अब क्या कहूँ ?????<br /><br />निशब्द हूँ....रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-32702839613059656462011-01-04T05:41:50.248-05:002011-01-04T05:41:50.248-05:00जबकि
कुछ प्रतिबद्धित लोग
बजा रहे हैं हार्न
जगाने क...जबकि<br />कुछ प्रतिबद्धित लोग<br />बजा रहे हैं हार्न<br />जगाने के लिए<br />जागे हुए लोगो को<br />इस प्रयास में कुछ हार्न<br />शहीद कर दिए गए ख़ामोशी से <br />आपका सन्देश समझ आ गया .....हम जानते हैं कि प्रत्येक चीज की सार्थकता और निरर्थकता व्यक्ति पर और हमारी सोच पर निर्भर करती है ...आपने जितना सामान्य विषय चुना उतना ही संजीदा कविता के माध्यम से उसे महत्वपूर्ण बना दिया ......आपका आभार इस हार्न को बजाने के लिए हम जाग गए जी ..शुक्रियाकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-83079885506713803832011-01-04T05:24:30.798-05:002011-01-04T05:24:30.798-05:00पूरी कविता के बारे में मैं कुछ नहीं कहूँगा किन्तु ...पूरी कविता के बारे में मैं कुछ नहीं कहूँगा किन्तु यह पंच लाइन बहुत ही मारक बन पड़ा है,<br /><br />अस्पताल के एम्बुलेंस<br />और अति विशिष्ठ लोगों के काफिले के हार्न<br />होते हैं ध्वनि प्रभाव में लगभग एक जैसे ही<br />लेकिन प्राथमिकता में<br />मद्धम पड़ जाते हैं एम्बुलेंस<br />हाशिये पर खड़े आम जन की तरह<br /><br />धन्यवाद !!करण समस्तीपुरीhttps://www.blogger.com/profile/10531494789610910323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-40879431419576873362011-01-04T05:08:41.393-05:002011-01-04T05:08:41.393-05:00खामोशी की भी दहाड़ होती है.खामोशी की भी दहाड़ होती है.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.com