बुधवार, 14 अगस्त 2019

ऑटोमोबाइल बाज़ार में मंदी और बदलते रुझान

ऑटोमोबाइल बाज़ार में मंदी और बदलते रुझान 

- अरुण चंद्र रॉय 

Image result for indian automobile industryभारतीय ऑटोमोबाइल बाज़ार में बिक्री में लगातार गिरावट दर्ज़ की जा रही है।  जुलाई। 2019  के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं उससे स्पष्ट हो रहा है कि  सभी बड़े ब्रांड की गाड़ियों की बिक्री में 30  से 40 % की कमी आई है।  बिक्री में गिरावट का यह रुझान पिछले दो सालों से जारी है।  विगत दो वर्षों में जहाँ कंपनियों ने उत्पादन रोक दिए हैं तो वहीँ डीलरशिप बंद हो रहे हैं, स्पेयर पार्ट्स के उत्पादन पर असर पड़ा है और इन सबके परिणामस्वरूप  हज़ारों की संख्या में नौकरियां भी गई हैं।  

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जब यह समस्या गंभीर रूप धारण करने जा रही है और लाखों लोगों की नौकरियां खतरे में हैं, यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि  समस्या की जड़ में पंहुचा जाए।  ऑटोमोबाइल बाज़ार में मंदी  की समस्या केवल भारत की समस्या नहीं है।  ऑटोमोबाइल के महत्वपूर्ण बाज़ार यूरोप, रूस, अमेरिका, जापान, ब्राज़ील, चीन और भारत हैं।  वैश्विक संस्था वीडीए के अनुसार वर्ष 2019  के पहले छह महीनों  में यूरोप के कार बाज़ार में 7. 9 % की गिरावट, रूस के बाज़ार में 3 . 3 % की  कमी, अमेरिका के बाज़ार में 1. 9 % की कमी, जापान में 2. 2  % की गिरावट, चीन में 14 % और भारत में 10 % की गिरावट दर्ज़ की गई है।  दुनिया भर में ब्राज़ील ही एकमात्र बाज़ार हैं जहाँ 9 . 5 % की वृद्धि देखी  गई है।  ऐसे में यदि भारतीय ऑटोमोबाइल में मंदी है तो वह वैश्विक रुझान की वजह से है और भारत की अंदरूनी अर्थव्यवस्था और नीतियां एक हद तक ही जिम्मेदार हैं।  
Image result for indian automobile industryएक प्रसिद्द ऑटोमोबाइल ब्रांड के सीनियर मार्केटिंग अधिकारी ने बताया कि  कारें  नहीं बिकती बल्कि फाइनेंस बिकता है।  और जब फाइनेंस नहीं बिक रहा  है तो कारें  कहाँ से बिकेंगी।  दरअसल भारतीय बैंकिंग और नॉन बैंकिंग उद्योग संक्रमण और पुनर्गठन के दौर से गुज़र रहे हैं।  भारतीय बैंक एनपीए  की समस्या से उबर  कर निकल  रहे हैं।  एनबीऍफ़सी कम्पनियाँ भी तरलता अर्थात लिक्विडिटी की समस्या से जूझ रही हैं।  आईएलऍफ़एस के घोटाले के चपेट में बैंक और एनबीएफसी कम्पनियाँ भी हैं।  ऐसे में बैंकों के लिए ऑटोमोबाइल बाज़ार में ऋण देना थोड़ा कठिन हो गया है।  ऑटोमोबाइल बाज़ार में बिक्री प्रभावित होने का यह एक बड़ा कारण है।  किन्तु सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक इस मुद्दे पर संज्ञान ले रहा है और आरबीआई द्वारा रेपो दर में बदलाव से ऋण स्थिति में बदलाव होने की संभावना है।  
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ऑटोमोबाइल बाज़ार में मंदी  का एक और प्रमुख कारण है सरकार का इलेक्ट्रिक वाहनों पर फोकस।  सरकार ने उद्योग को स्पष्ट रूप से संकेत कर दिया है कि  आने वाला समय इलेक्ट्रिक वाहनों का है।  नीति आयोग के सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि  सरकार आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों के सम्बन्ध में कोई बड़ी योजना जल्दी ही लाने जा रही है जबकि भारतीय ऑटोमोबाइल बाज़ार इसके लिए पूरी तरह तैयार नहीं है। 

Image result for mg hector vehicleImage result for hyundai venue colorsऑटोमोबाइल उद्योग में जब चारो ओर  संकट के बादल दिख रहे हैं ऐसे में ब्रिटिश कार मेकर एमज़ी हेक्टर ने भारत में पदार्पण किया है और केवल पंद्रह दिनों में 21000  एस यू वी  की बुकिंग प्राप्त करने के बाद फिलहाल नई बुकिंग  बंद कर दी है।  हुंडई ने  एक नया एस यू वी  वेन्यू पेश किया है।  जब ऑटोमोबाइल बाज़ार में बिक्री औंधे मुँह गिरी है ऐसे समय में हुंडई वेन्यू  के लिए  45000 बुकिंग हुई है और कंपनी ने फिलहाल नई बुकिंग लेना बंद कर दिया है। बजाज कंपनी की प्रीमियम दुपहिया वाहन पल्सर ने जून में साढ़े तीन लाख से अधिक यूनिट की बिक्री दर्ज़ की है जबकि अन्य दुपहिया मॉडलों की बिक्री घटी  है। 
Image result for new generation rider in indiaइससे हमें भारतीय ऑटोमोबाइल बाज़ार में एक नया रुझान दिख  रहा है वह है ग्राहकों की बढ़ती हुई आकांक्षा।  ग्राहकों की आकांक्षा को समझने और इसे भुनाने की जरुरत ऑटोमोबाइल उद्योग के बहुत महत्वपूर्ण है कि नई पीढ़ी का ग्राहक क्या चाहता है।  यहीं से भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए नया रास्ता खुलता है और फिर से उठ खड़ा होने की ऊर्जा देता है।  
दो महीनों में त्योहारों का मौसम शुरू होने वाला है और ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए नया सवेरा भी।  

(सभी चित्र  गूगल से साभार ) 

3 टिप्‍पणियां:

  1. डूबते चाँद को
    देखना नहीं है
    ऐसा कुछ सुना है
    चाँद सूरज हो गया है अब
    सुबह के सूरज के साथ
    उसे भी उगना है
    ऐसा सोचना
    ऐसा देखना
    और ऐसा ही दिखा है
    कहना है अब
    ऐसा कुछ बुना है।

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  2. भारत में शुरू से इनोवेशन पे ध्यान कम दिया जाता रहा है ... और जिस तेजी से ग्राहक बदल रहे हैं उस तेज़ी से ये इंडस्ट्री कोप नहीं कर पाई है ... बाकी मंदी का दौर तो पूरे विश्व में फिर से चल ही रहा है ... अच्छा विश्लेषण है आपका ...

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