tag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post1888393708192256598..comments2024-03-26T07:35:57.615-04:00Comments on सरोकार: आवरणअरुण चन्द्र रॉयhttp://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-90301673494404344972010-08-31T04:35:18.475-04:002010-08-31T04:35:18.475-04:00फिर एक बेहतरीन प्रस्तुति.
कहो ना
आवरण के हटने
बाद...फिर एक बेहतरीन प्रस्तुति.<br /><br />कहो ना<br />आवरण के हटने<br />बादलों के छंटने तक<br />तुम्हें रहेगा<br />मेरा इन्तजार<br /><br /> एक बात कहना चाहूंगी की आवरण तो निःसंदेह होता है पर सच्चे लोगो के चेहरे पर जो होता है वो पारदर्शी होता है कभी झूठ बोलना हो या कुछ छुपाना हो तो उस पारदर्शी आवरण से झलकता है की ये जो कुछ है ये परिस्थिति जन्य हैरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-65850716610106588572010-08-30T02:08:24.819-04:002010-08-30T02:08:24.819-04:00....सशक्त रचना,खूबसूरत भाव .....सशक्त रचना,खूबसूरत भाव .संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-7162915666925562162010-08-29T04:13:27.391-04:002010-08-29T04:13:27.391-04:00सच को
झुठला कर
कर दोगे
ह्रदय के मध्य से
विस्थापित
...सच को<br />झुठला कर<br />कर दोगे<br />ह्रदय के मध्य से<br />विस्थापित<br />ए़क आवरण का<br />लेकर सहारा<br />और लुप्त हो जायेगा<br />मेरा प्रेम । <br />....bahut sundar prasutiकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-77278773169121366462010-08-29T00:15:55.853-04:002010-08-29T00:15:55.853-04:00हर चेहरे पर कोई ना कोई आवरण है| बहुत सुन्दर कविता|...हर चेहरे पर कोई ना कोई आवरण है| बहुत सुन्दर कविता|राणा प्रताप सिंह (Rana Pratap Singh)https://www.blogger.com/profile/17152336988382481047noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-53563378928279679432010-08-28T21:59:15.355-04:002010-08-28T21:59:15.355-04:00प्रेम आवरण नहीं मगर भयभीत है की आवरण में लिपट ना ज...प्रेम आवरण नहीं मगर भयभीत है की आवरण में लिपट ना जाये ...<br />फिर भी रहेगा तो प्रेम ही !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/10839893825216031973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-47096623991338435982010-08-28T21:55:25.942-04:002010-08-28T21:55:25.942-04:00बहुत अच्छी कविता।
हिंदी, नागरी और राष्ट्रीयता अन...बहुत अच्छी कविता। <br /><br /><a rel="nofollow">हिंदी, नागरी और राष्ट्रीयता अन्योन्याश्रित हैं।</a>राजभाषा हिंदीhttps://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-69023577585914188262010-08-28T19:12:41.433-04:002010-08-28T19:12:41.433-04:00कहो ना
आवरण के हटने
बादलों के छंटने तक
तुम्हें रहे...कहो ना<br />आवरण के हटने<br />बादलों के छंटने तक<br />तुम्हें रहेगा<br />मेरा इन्तजार<br />इंतजार से ही आपका सरोकार रहेगा <br />युगों तक कायम आपका प्यार रहेगाM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-5877729537361040012010-08-28T14:37:27.155-04:002010-08-28T14:37:27.155-04:00कहो ना
आवरण के हटने
बादलों के छंटने तक
तुम्हें रहे...कहो ना<br />आवरण के हटने<br />बादलों के छंटने तक<br />तुम्हें रहेगा<br />मेरा इन्तजार<br /><br />par aaj koi ye wada kars kata hai kya..kyo ki intzaar nahi sabke bas kagyaneshwaari singhhttps://www.blogger.com/profile/16752930608738766658noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-82484744626172885072010-08-28T12:30:47.094-04:002010-08-28T12:30:47.094-04:00आपकी कविता पढ़ने पर ऐसा लगा कि आप बहुत सूक्ष्मता स...आपकी कविता पढ़ने पर ऐसा लगा कि आप बहुत सूक्ष्मता से एक अलग धरातल पर चीज़ों को देखते हैं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-2129770944218209222010-08-28T12:26:40.907-04:002010-08-28T12:26:40.907-04:00यही आवरण छिपा लेता है सब।यही आवरण छिपा लेता है सब।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-82235280697905183172010-08-28T11:06:10.397-04:002010-08-28T11:06:10.397-04:00arun ji..hamesha ki tarah ek tajgi bhari rachna!arun ji..hamesha ki tarah ek tajgi bhari rachna!Parul kananihttps://www.blogger.com/profile/11695549705449812626noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-45662995113254273022010-08-28T10:20:14.569-04:002010-08-28T10:20:14.569-04:00विनम्र निवेदन है आपके कथन मे ! सुंदर !!!!!!!विनम्र निवेदन है आपके कथन मे ! सुंदर !!!!!!!सुशीला पुरीhttps://www.blogger.com/profile/18122925656609079793noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-27959497372914520242010-08-28T09:38:02.601-04:002010-08-28T09:38:02.601-04:00ओ छुपने वाले सामने आ, चुप चुप पे के इतना जी न जला....ओ छुपने वाले सामने आ, चुप चुप पे के इतना जी न जला.<br /><br />बेशक सुंदर कवितारचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-60065950133927867602010-08-28T09:14:12.486-04:002010-08-28T09:14:12.486-04:00आवरण ...बहुत अच्छी लगी रचना.आवरण ...बहुत अच्छी लगी रचना.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-34206156617743968842010-08-28T08:52:42.393-04:002010-08-28T08:52:42.393-04:00यही तो भावों की स्थिति होती है हर पल प्रेम मे एक आ...यही तो भावों की स्थिति होती है हर पल प्रेम मे एक आशंका का आवरण रहता है………………मनोभावो को खूबसूरत चित्रण्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-29550718911248258692010-08-28T04:57:06.976-04:002010-08-28T04:57:06.976-04:00बिना आवरण के
मेरा प्रेम
सत्य है
जैसे
सूर्य का उदय ...बिना आवरण के<br />मेरा प्रेम<br />सत्य है<br />जैसे<br />सूर्य का उदय होना<br />लेकिन<br />आशंकित होता है<br />मन मेरा<br />सूर्य की तरह ही<br />बादल कही ढक ना ले<br />अपने आवरण में... superbरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-27846091498179928332010-08-28T02:31:24.850-04:002010-08-28T02:31:24.850-04:00बिना आवरण के
मेरा प्रेम
सत्य है
जैसे
सूर्य का उदय ...बिना आवरण के<br />मेरा प्रेम<br />सत्य है<br />जैसे<br />सूर्य का उदय होना<br />लेकिन<br />आशंकित होता है<br />मन मेरा<br />सूर्य की तरह ही<br />बादल कही ढक ना ले<br />अपने आवरण में..<br /><br />बहुत खूबसूरत भाव भरे हैं इस रचना में ....संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-52266447002833680432010-08-28T02:22:43.788-04:002010-08-28T02:22:43.788-04:00अरुण जी यह वह कविता नहीं है जिसकी उम्मीद मैं आपसे...अरुण जी यह वह कविता नहीं है जिसकी उम्मीद मैं आपसे करता हूं। निर्मल जी क्षमा करें।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-69760551911880535662010-08-28T01:22:13.995-04:002010-08-28T01:22:13.995-04:00अरुण
यह वह कविता जिसकी मैं तुमसे उम्मीद रखता हूँ ....अरुण<br />यह वह कविता जिसकी मैं तुमसे उम्मीद रखता हूँ .निसंदेह सुन्दर कविता .बधाई .निर्मल गुप्त https://www.blogger.com/profile/14476315180256137151noreply@blogger.com