tag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post294193799941638060..comments2024-03-26T07:35:57.615-04:00Comments on सरोकार: पतझड़ अरुण चन्द्र रॉयhttp://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-39928982731825985442018-04-02T05:18:20.873-04:002018-04-02T05:18:20.873-04:00लेकिन वृक्ष कहाँ डरता है पतझड़ से
जहाँ से गिरता है ...लेकिन वृक्ष कहाँ डरता है पतझड़ से<br />जहाँ से गिरता है पत्ता<br />वही से पनपता है नया कोंपल...वाह अरुण जी ...क्या लिखा है बहुत ही गजब...Alaknanda Singhhttps://www.blogger.com/profile/15279923300617808324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-27449573776913987542018-04-01T18:40:52.596-04:002018-04-01T18:40:52.596-04:00आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ...आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' ० २ अप्रैल २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/<br /><br /> टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।<br /><br /> निमंत्रण <br /><br />विशेष : 'सोमवार' ० २ अप्रैल २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने सोमवारीय साप्ताहिक अंक में आदरणीय 'विश्वमोहन' जी से आपका परिचय करवाने जा रहा है।<br /><br /><br />अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/'एकलव्य'https://www.blogger.com/profile/13124378139418306081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-74115846019804872492018-03-27T03:12:52.045-04:002018-03-27T03:12:52.045-04:00आपकी दो शब्द की टिप्पणी आशस्वस्त करती है आपकी दो शब्द की टिप्पणी आशस्वस्त करती है अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-37093484150108796182018-03-27T03:12:16.266-04:002018-03-27T03:12:16.266-04:00धन्यवाद सर धन्यवाद सर अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-46865541152818279862018-03-27T03:11:51.692-04:002018-03-27T03:11:51.692-04:00शुक्रिया राधा जी शुक्रिया राधा जी अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-46755578235607481942018-03-27T01:54:47.445-04:002018-03-27T01:54:47.445-04:00आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (28...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (28-03-2018) को <a href="charchamanch.blogspot.in//" rel="nofollow"> ) "घटता है पल पल जीवन" (चर्चा अंक-2923) </a> पर होगी।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />राधा तिवारीradha tiwari( radhegopal)https://www.blogger.com/profile/09630389878761098417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-43211519647879985612018-03-26T11:25:00.482-04:002018-03-26T11:25:00.482-04:00इंसान की फ़ितरत भी पेड़ों जैसी होती तो आधा जीवन जी...इंसान की फ़ितरत भी पेड़ों जैसी होती तो आधा जीवन जीता वो ... न की मौत की आशा में जीता ... <br />गहरी रचना है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8519507250460617939.post-3258905200064410532018-03-26T11:21:27.079-04:002018-03-26T11:21:27.079-04:00बहुत सुन्दरबहुत सुन्दरसुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com