गुरुवार, 14 दिसंबर 2023

जल का रुदन

आर्थर सिमंस की कविता "The  Crying  of  Water " का अनुवाद 


हे जल ! मेरे ह्रदय के स्वर 
तुम रो रहे हो छुपकर रेत के भीतर 
तुम्हारी सिसकियाँ गूंजती रही हैं  रात भर 
मैं सुन तो पा रहा हूँ तुम्हारी सिसकियाँ 
किन्तु असमर्थ हूँ समझने में 
कि  तुम्हारा यह क्रंदन मेरे हृदय का रुदन है 
या यह है समुद्र की चीख  
हे जल ! रात भर जो तुम रोये हो 
क्या तुम चीख रहे थे रुकने के लिए, पल भर को ठहरने के लिए !

हे  जल !
तुम्हें बहते ही रहना है, जीवन  कभी नहीं रुकता 
जब तक कि आखिरी चाँद छिप  न जाए और थम जाए ज्वार  ! 
या ढल जाए सूरज पश्चिम में कहीं हमेशा के लिए 
और हृदय व्यथित होकर रोने लगे  समुद्र की भांति 
समुद्र तो रोता  है जीवन भर अकेले 
जैसे रोती है नदी मेरे पहलू में रात भर ! 

अनुवाद : अरुण चंद्र राय 

9 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर रचना बेहतरीन अनुवाद के साथ बधाई हो सर

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  2. हे जल ! रात भर जो तुम रोये हो
    क्या तुम चीख रहे थे रुकने के लिए, पल भर को ठहरने के लिए !
    बहुत सुंदर, भावपूर्ण...

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  3. मेरी कविता को अपने ब्लॉग पर शामिल करने के लिए धन्यवाद श्वेता जी ।

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