मंगलवार, 16 जून 2020

युद्ध


यदि युद्ध न हो
तो क्यों बने हथियार
क्यों बने बम , बन्दूक , बारूद !
जब दुश्मन के गावों में, स्कूलों में , बच्चों पर
बरसाने ही नहीं हैं गोले
फिर क्यों बनाएं हमने
तोप, तरह तरह के अत्याधुनिक बमवर्षक विमान !
सेनाओं को प्रतिकूल से प्रतिकूल परिस्थिति में लड़ने के
तैयार किया गया है इसीलिए तो
कि एक दिन वे लड़ें, मारें, मर जाएँ
और शहीद कहलायें !
दुनिया कभी युद्ध-मुक्त नहीं हो सकेगी
और जो कह रहे हैं जमा कर सीमा पर सेना
भण्डार कर तरह तरह के अत्याधुनिक शस्त्र-अस्त्र
कि नहीं चाहते युद्ध,
सरासर झूठ कहते हैं वे .

बुधवार, 10 जून 2020

भूत


 भूत
का नाम सुनते ही
डरते हैं हम
जबकि भूत ने अभी तक
कुछ भी नहीं बिगाड़ा हमारा।

कहते हैं भूत
आदमी को करता है परेशान
लेकिन देख रहा हूं मैं
आदमी को परेशान
भूख और लाचारी से
गरीबी और बेगारी से
दंगों और फसादों से
तो क्या समझ लिया जाय कि
भूख, गरीबी, बेरोजगारी और हिंसा
दुनिया के सबसे ख़तरनाक भूत हैं।

दादी नानी कहती थी
उल्टे होते हैं
भूत के पांव
वे उल्टी दिशा में चलते हैं
जबकि में देख रहा हूं
सत्ता को उलटी दिशा में चलते
मनुष्य के हितों के विपरीत दिशा में चलते
संकीर्ण मानसिकता में फंसा जनता का दोहन करते
तो क्या समझूं कि
सत्ता ही है वह डरावना भूत
जिसे किसी ने आज तक देखा नहीं
बस सुना ही है।

ठीक ही कहता है
नुक्कड़ पर बैठा अख़बार बेचने वाला बूढ़ा कि
अनुभव से बता रहा हूं
भूत से मत डरो
डरो तो उस आदमी से
जिसके भीतर का आदमी
मर चुका हो।