शुक्रवार, 9 जुलाई 2021

सत्ता का पहिया

 जनता 

देती है अपना मत 

जनता 

चुनती है अपना प्रतिनिधि 

प्रतिनिधि फिर 

बन जाते हैं मंत्री 

मंत्री को मिलती है 

गाड़ी, बंगला, भत्ता 

मंत्री के फैसलों का लाभ 

जनता को मिले न मिले 

कंपनियों को जरूर मिलता है। 

बदले में कंपनियां मंत्री को 

देती हैं चंदा 

जिस चंदे हैं वे लड़ते हैं चुनाव 

जिसमें जनता देती है मत। 

सत्ता का यह पहिया 

गति में है जबकि ठहरी हुई है 

जनता । 






  





शुक्रवार, 2 जुलाई 2021

क्यों लिखता हूं मैं !

 हिंदी ब्लॉगिंग दिवस पर अरुण चन्द्र रॉय की एक कविता - क्यों लिखता हूं मैं 


क्यों लिखता हूं मैं 

क्योंकि मैं बुराइयों से लड़ने के लिए 

नहीं उठा सकता हथियार 

युद्ध काल हो या शांति काल 

नहीं कर सकता मैं किसी पर वार 

सत्ता से लड़ने और आम आदमी के साथ खड़ा होने के लिए 

मेरे पास है एक मात्र औजार 

इसलिए मैं लिखता हूं। 


मैं इसलिए भी लिखता हूं क्योंकि 

मैं पर्वत सा विशाल नहीं जो रोक लूं हवाओं को 

कर दूं बारिश 

मैं  हवाओं सा चपल भी नहीं कि 

उड़ा लूं बादलों को अपने साथ 

मैं नदियों की तरह किसी की नहीं बुझा सकता प्यास 

पहाड़, हवा, बारिश, नदी सब जीवित रहें 

बस इतनी सी प्रार्थना करने के लिए लिखता हूं मैं। 


फूलों सा रंग नहीं मुझमें 

फलों सा नहीं मुझमें स्वाद 

न ही अन्न सा मैं कि भर दूं किसी का पेट 

लेकिन फूलों का रंग बचा रहे, 

अन्न उपजाने वाला किसान बना रहे , 

इतनी सी शुभेच्छा रखते हुए लिखता हूं ।