रविवार, 4 अगस्त 2024

खिलते हुए फूलों की नीरवता

 

हिल्डेगार्डे फ़्लैनर की कविता "To a blooming Tree" का अनुवाद 



रात में पेड़ पर खिलते हुए फूलों की नीरवता से 
नहीं कुछ भी अधिक सुंदर 
इस पृथ्वी पर, सूरज की छाँव तले
नहीं कुछ भी अधिक पवित्र 

यदि मेरे हृदय में होती इतनी नीरवता
इतनी शांति 
तो मैं गाता कोई गीत इस निर्जन आकाश में 
मेरे शब्द गूंज उठते , धीमे धीमे छा जाते आकाश में
और फिर हमेशा के लिए खो जाते हवाओं में . 

यह ऐसे ही किसी पेड़ के नीचे 
ढूंढ रहा होगा कोई अपनी बिछड़ी प्रेमिका को
पेड़ से गिरा कोई पत्ता या फूल की कोई पंखुड़ी 
कहीं प्रेमिका का प्यार तो नहीं 
जो ईश्वर ने भेजा है द्रवित होकर ! 

(अनुवादक : अरुण चन्द्र राय )

4 टिप्‍पणियां:

  1. यदि मेरे हृदय में होती इतनी नीरवता
    इतनी शांति
    तो मैं गाता कोई गीत इस निर्जन आकाश में
    मेरे शब्द गूंज उठते , धीमे धीमे छा जाते आकाश में
    और फिर हमेशा के लिए खो जाते हवाओं में .
    बहुत खूब .......

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  2. इन अंतिम पंक्तियों में प्रेम की अंतिम पीड़ा है...
    ....
    .......
    ''यह ऐसे ही किसी पेड़ के नीचे
    ढूंढ रहा होगा कोई अपनी बिछड़ी प्रेमिका को
    पेड़ से गिरा कोई पत्ता या फूल की कोई पंखुड़ी
    कहीं प्रेमिका का प्यार तो नहीं
    जो ईश्वर ने भेजा है द्रवित होकर !''

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