नदियां
नहीं निकलती
किसी एक स्रोत से
कई छोटी बड़ी धाराओं के मिलने से
बनती है नदी
नदियां बढ़ जाती हैं आगे
नदियां बढ़ जाती हैं आगे
अकेले रह जाते हैं स्रोत
अलग अलग
स्रोत तक
कब कौन लौटता है
कहां लौटते
कहां लौटते
बड़े हुए बच्चे
माओं की गोद में
नहीं लौटी है बेटियां
मायके
पहले की तरह
रास्ते भी नहीं लौटते
पगडंडियों की ओर।
सुन्दर
जवाब देंहटाएंसच है , कोई भी नहीं लौटै आज तक
जवाब देंहटाएंन नदी और न ही बच्चे
सादर
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 27 नवंबर को साझा की गयी है....... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंअच्छा है.
जवाब देंहटाएंनदी सदा गलत रास्ता ही चुनती आयी है समंदर के पास जाने का और खुद को मिटाने का और समंदर नदियों को मिटाकर साम्राज्य फैलाता है सदा
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