गुरुवार, 16 जुलाई 2009

क्लाइमेट चेंज और हम

क्लाइमेट चेंज क्लाइमेट चेंज
हल्ला है चंहु ओ़र
क्यों हो रहा कैसे हो रहा
करने वाले ही मचा रहे हैं शोर

मचा रहे हैं शोर
बन रहे हैं बड़े सयाने
प्रति व्यक्ति उर्जा २० गुना हैं खाते
अब हम भी समझते हैं मायने

अब हम भी समझते हैं मायने
विकसित देशों को होगा सोचना
अपने लाइफ इस्टाइल की खातिर
नही चलेगा धरती का दम घोंटना

नही चलेगा धरती का दम घोंटना
अब तीसरी दुनिया है जागी
अपने श्रम व संसाधन की
नही करने देंगे बर्बादी

नही करने देंगे बर्बादी
अपनी आबादी नही है दुनिया पर भार
आने वाला समय बताएगा जब
श्रम मेव जयते होगा विश्व प्रगति का आधार

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