1 .
गरम हवाएं
जला रही है चमड़ी
एक ओर
दूसरी ओर
साहब लोगों ने
कम कर दिया है
वातानुकूलन यंत्र का तापमान
और गिना रहे हैं कि
किन किन कारणों से
चल रही है गरम हवाएं
विश्लेषण कर रहे हैं कि
क्यों बढ़ा हुआ है तापमान
क्यों कम हो रही बारिश
क्यों गिर रहा है भूजल का स्तर ?
2 .
मोबाइल के स्क्रीन पर देख कर
दिन का तापमान
उनकी चिंताएं बढ़ जाती है अचानक
और वे सक्रिय हो जाते हैं
साझा करते हैं दुनिया से अपनी चिंता
अलग अलग माध्यमों से
जैसे फेसबुक, ट्विटर
लेख या फिर मित्रों के साथ
सामूहिक गप्प बाज़ी में
3 .
धूप में न निकलने, खूब पानी पीने
लू से बचने आदि आदि जैसे सलाहों के साथ
सरकारी परामर्शी पत्र जारी करने वाले
नहीं जानते कि
लू क्या हराएगा उसे
जिसे डर लगता हो ठंढे तवे से
गर्म तवे के मुकाबले होती है
लू के ताप की तासीर बेहद ठंढी।
गरम हवाएं
जला रही है चमड़ी
एक ओर
दूसरी ओर
साहब लोगों ने
कम कर दिया है
वातानुकूलन यंत्र का तापमान
और गिना रहे हैं कि
किन किन कारणों से
चल रही है गरम हवाएं
विश्लेषण कर रहे हैं कि
क्यों बढ़ा हुआ है तापमान
क्यों कम हो रही बारिश
क्यों गिर रहा है भूजल का स्तर ?
2 .
मोबाइल के स्क्रीन पर देख कर
दिन का तापमान
उनकी चिंताएं बढ़ जाती है अचानक
और वे सक्रिय हो जाते हैं
साझा करते हैं दुनिया से अपनी चिंता
अलग अलग माध्यमों से
जैसे फेसबुक, ट्विटर
लेख या फिर मित्रों के साथ
सामूहिक गप्प बाज़ी में
3 .
धूप में न निकलने, खूब पानी पीने
लू से बचने आदि आदि जैसे सलाहों के साथ
सरकारी परामर्शी पत्र जारी करने वाले
नहीं जानते कि
लू क्या हराएगा उसे
जिसे डर लगता हो ठंढे तवे से
गर्म तवे के मुकाबले होती है
लू के ताप की तासीर बेहद ठंढी।
वाह
जवाब देंहटाएंआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन रक्तदान करके बनें महादानी : ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...
जवाब देंहटाएंजमीनी सच्चाई
जवाब देंहटाएंलू की तासीर ...
जवाब देंहटाएंबहुत गहरा मतलब लिए पंक्तियाँ ... समाजवाद में मुंह पर तमाचा ...
लाजवाब हमेशा की तरह अरुण जी ... लू की तरह तीखी रचना ...