तवे का रंग
काला है
रोटी सेंकता है
रंग तो काला है
दिए में जलने वाली बाती का
रौशनी तो होती है
चमकदार
रंग तो काला होता है
मेघ का भी
जिसके गर्भ में होता है
हरियाली का बीज
वह जो चलाता है हल
उठता है बोझ
गांठता है जूते
देता है पहरे
लड़ता है किसी के विरुद्ध युद्ध
किसी और के लिए
होता है काला ही .
काला अपने चरित्र में
होता है दिव्य
उज्ज्वल
सटीक।
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (26-06-2019) को "करो पश्चिमी पथ का त्याग" (चर्चा अंक- 3378) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंकाला न हो तो रौशनी का एहसास भी कहाँ है ...
जवाब देंहटाएंप्रकाश का होना सिर्फ अँधेरे से ही है ... हमेशा की तरह कमाल की रचना ...