सोचता हूं
दिल्ली से सैकड़ों मील दूर
पठारों और जंगलों के बीच
पथरीली जमीन पर सीढ़ीनुमा खेत के मेढ़ पर
खड़े इस किसान के बारे में
क्या कोई है जो सोच रहा है
क्या इसका भी कोई प्रतिनिधि है
संसद में !
सोचता हूं
दिल्ली से सैकड़ों मील दूर
पठारों और जंगलों के बीच
पथरीली जमीन पर सीढ़ीनुमा खेत के मेढ़ पर
खड़े इस किसान के बारे में
क्या कोई है जो सोच रहा है
क्या इसका भी कोई प्रतिनिधि है
संसद में !
मैं गया नहीं कभीअफगानिस्तान
इसलिए मुझे उस देश और वहां के लोगों की चिंता
बिलकुल भी नहीं करनी चाहिए।
चिंता तो तब की थी जब
बामियान में तोड़े गए बुद्ध
मैने बुद्ध से कहा भी था कि वे हार जायेंगे अंततः
हथियारों के आगे
बुद्ध मुस्कुराते रहे
मुस्कुराते हुए बुद्ध को देख मुझे आया था क्रोध भी
लेकिन बुद्ध बेफिक्र थे
मैं कभी बुद्ध से मिला नहीं इसलिए मुझे नहीं करनी चाहिए चिंता
बुद्ध की भी।
सुना है सत्ता पर भारी है हथियार
या सत्ता और हथियार के बीच हुआ है कोई समझौता
यह भी सुना है कि आवाम को भी पसंद है
यही हथियारबंद लोग
ऐसे आवाम से जब मैं कभी मिला नहीं तो मुझे क्यों करनी चाहिए चिंता!
अफगानिस्तान
क्षमा करना तुम हमारी बौद्धिक जुगाली में तो हो
लेकिन नहीं हो हमारी चिंता में
क्योंकि मैं कभी नहीं गया अफगानिस्तान
नहीं मिला वहां के आवाम से
न ही मिला मैं कभी मुस्कुराते हुए बुद्ध से।