अमेरिकन कवयित्री ग्वेन्डोलिन ब्रूक्स की कविता "द क्रेज़ी वुमेन" का मूल अँग्रेजी से अनुवाद अरुण चन्द्र रॉय द्वारा
मैं नहीं गाऊँगी मई का गीत
मई के गीत मे होना चाहिए मनमीत
मैं करूंगी नवम्बर के आने का इंतजार
और गाकर करूंगी उदासी का इज़हार
मैं करूंगी नवम्बर तक प्रतीक्षा
तभी पूरी होगी मेरी आंकक्षा
मैं धुंध अंधेरे में बाहर जाऊँगी
और ज़ोर ज़ोर से गाऊँगी
और दुनिया मुझे घूरेगी
मुझपर फब्तियाँ कसेगी
"कहेगी है यह औरत पागल, है पागल इसकी रीत "
जो नहीं गाती है मई में खुशी के गीत। "
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर मंगलवार 18 जनवरी 2022 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
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अच्छा है जीना अपनी मर्ज़ी से.
जवाब देंहटाएंफ़र्क क्या पड़ता है किसी की असहमति से ?
ताज़गी भरी कविता का अनुवाद अच्छा लगा .
बेहतरीन अनुवाद , अरुण जी ।
जवाब देंहटाएंकविता के भाव निराले हैं, बहुत सुंदर अनुवाद कुछ अलग हटकर पढ़वाने के लिए हृदय से साधुवाद।
जवाब देंहटाएंसादर।