कनेर -II
कितना था मैं नीरस
कितना बेरंग
तुमने छूआ
और देखो
लाल हो गया हूँ
मैं !
कनेर -1
वियोग में
किसी के
कनेर पड़ जाता है
सफ़ेद भी
जैसे तुम्हारे बिना
पड़ जाता हूँ मैं
निस्तेज !