सोमवार, 26 दिसंबर 2011

प्रेम : कुछ क्षणिकाएं


१.

प्रेम से 
होता है पराजित 
विज्ञान 
अर्थशास्त्र भी 

२.

प्रेम 
गढ़ता है
नया 
भूगोल 

३.


प्रेम 
देता है 
जन्म 
नए विषयों को 
जो समुच्चय होता है
दर्शन शास्त्र और 
मनोविज्ञान का 


४.

प्रेम से
उत्त्प्रेरक है
जबकि रासायनिक नहीं है
इसका चरित्र 

५.

प्रेम पर
लिखी गई हैं
अनगिनत ऋचाएं 
फिर भी
हर कविता लगती है
नई सी 


22 टिप्‍पणियां:

  1. प्रेम
    देता है
    जन्म
    नए विषयों को
    जो समुच्चय होता है
    दर्शन शास्त्र और
    मनोविज्ञान का

    प्रेम को अभिव्यक्त करते यह शब्द प्रेम की महिमा को सुन्दरता से सप्रेषित करते हैं ..हर शब्द गहरे अर्थ सामने लाता है .....!

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  2. प्रेम
    गढ़ता है
    नया
    भूगोल
    ..बिलकुल सटीक...सच्चाई बयां की है
    बेहतरीन क्षणिकाएं

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  3. प्रेम पर बहुत सुन्दर क्षणिकायें।

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  4. अति सुन्दर प्रस्तुति.

    बहुत पहले कबीर वाणी में पढा था

    उठा बगुला प्रेम का ,तिनका उडा आकाश
    तिनका तिनके से मिला,तिनका तिनके पास.

    आप की खूबसूरत अभिव्यक्ति के लिए दिल से आभार.

    मेरे ब्लॉग पर आईयेगा, अरुण भाई.
    'हनुमान लीला भाग-२' पर आपका इंतजार है.

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  5. प्रेम पर
    लिखी गई हैं
    अनगिनत ऋचाएं
    फिर भी
    हर कविता लगती है
    नई सी.. bahut sundar..

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  6. प्रेम पर
    लिखी गई हैं
    अनगिनत ऋचाएं
    फिर भी
    हर कविता लगती है
    नई सी

    ....बिलकुल सच कहा है...सुंदर क्षणिकाएं

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  7. प्रेम पर
    लिखी गई हैं
    अनगिनत ऋचाएं
    फिर भी
    हर कविता लगती है
    नई सी

    बिलकुल सही बात है

    जवाब देंहटाएं
  8. prem per likhi gayi shandaar chadikayein...anand aa gaya..
    प्रेम पर
    लिखी गई हैं
    अनगिनत ऋचाएं
    फिर भी
    हर कविता लगती है
    नई सी

    lajabab...sadar badhayee aaur apni nayi post par amantran ke sath

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  9. प्रेम गणित नहीं,
    यहां दो और दो पांच और
    एक और एक ग्यारह भी होता है
    ऐतिहासिक तो हो सकता है
    पर इतिहास नहीं

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  10. वाह ये तो प्रेम की एक नई परिभाषा ही गढ दी । बहुत खूब बहुत शानदार

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  11. प्रेम से
    उत्त्प्रेरक है
    जबकि रासायनिक नहीं है
    इसका चरित्र ..............BEST & UNIQUE.

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  12. बहुत ही बढि़या प्रस्‍तुति ।

    कल 28/12/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्‍वागत है, कौन कब आता है और कब जाता है ...

    धन्यवाद!

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  13. वाह ..
    बढ़िया वैज्ञानिक अभिव्यक्ति :-)

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  14. अच्छी रही क्षणिकाएं|

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  15. प्रेम की सभी बातें नयी लगती हैं ... पाँचों में प्रेम ही प्रखर है ...
    वैसे प्रेम तो हर बात में प्रखर ही होता है ...

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  16. प्रेम का तिलिस्म अनसुलझा है अब तक।

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