१.
रेखाएं जो नहीं होतीं
तो भी
लोग प्यार करते
अपनी हथेलियों को
२.
हथेलियों को
साथ लाने से बनती है अंजुरी
चाहो तो रखा जा सकता है
समंदर का पूरा जल
वितान का विस्तार
उतना ही प्यार
३.
कुछ हथेलियों में होते हैं
कोयला, पत्थर, ईंट, सीमेंट,
मशीन के हत्थे के निशान
लोग संभाल कर
संजोते हैं उन्हें
किसी डिग्री या
प्रमाण पत्र की तरह
रेखाएं जो नहीं होतीं
जवाब देंहटाएंतो भी
लोग प्यार करते
अपनी हथेलियों को
बहुत सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति // बेहतरीन रचना //
MY RECENT POST .....फुहार....: प्रिया तुम चली आना.....
हथेलियों को
जवाब देंहटाएंसाथ लाने से बनती है अंजुरी
चाहो तो रखा जा सकता है
समंदर का पूरा जल
वितान का विस्तार
उतना ही प्यार
जी, बिलकुल सही कहा ..... बहुत सुंदर
हथेलियों को
जवाब देंहटाएंसाथ लाने से बनती है अंजुरी
सुंदर अभिव्यक्ति ...!!
कुछ हथेलियों में सारे जहाँ की ख़ुशी होती है, और कुछ सब कुछ होकर भी खाली होती हैं... गहन अभिव्यक्ति... आभार
जवाब देंहटाएंवाह वाह....................
जवाब देंहटाएंरेखाएं जो नहीं होतीं
तो भी
लोग प्यार करते
अपनी हथेलियों को
लाजवाब.....................
सादर.
साधु-साधु
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति,भावपूर्ण...
सुंदर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंबहुत ही गहरी रचना
जवाब देंहटाएंकुछ हथेलियों में होते हैं
जवाब देंहटाएंकोयला, पत्थर, ईंट, सीमेंट,
मशीन के हत्थे के निशान
लोग संभाल कर
संजोते हैं उन्हें
किसी डिग्री या
प्रमाण पत्र की तरह.....sashakt
बहुत गहरी सफल अभिव्यक्ति ...
जवाब देंहटाएंबधाई अरुण !
हथेलियों की रेखाएँ
जवाब देंहटाएंपढ़नी नहीं आतीं जिनको
वो भी पढ़ लेते हैं
प्यार की रेखा ...
सभी क्षणिकाएं गहन अर्थ लिए हुये
कुछ हथेलियों में होते हैं
जवाब देंहटाएंकोयला, पत्थर, ईंट, सीमेंट,
यहीं हथेलियाँ अपने को गला - देश बना रही हैं.
सुंदर रचना, साधुवाद.
जब जीवित प्रमाणपत्र हों हथेलियों में तो किसी कागजी पात्र की क्या जरूरत .... बहुत ही संवेदनशील होता है आपका लिखा ...
जवाब देंहटाएंबढ़िया ||
जवाब देंहटाएंबधाई ||
हथेलिओं पर उत्कृष्ट रचना...
जवाब देंहटाएंनीरज
गहन और सत्य को उदघाटित करती सशक्त रचना
जवाब देंहटाएंयह हथेलियाँ ....अभिव्यक्त हुई हैं आपके इन शब्दों में गहनता से ..!
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा ... लगे रहिए ...
जवाब देंहटाएंइस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - ज़िंदा रहना है तो चलते फिरते नज़र आओ - ब्लॉग बुलेटिन
हथेलियों में आशाओं का विश्व समाया है।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंरेखाओं के बिना हथेलिया कब होती हैं
हथेलियों पर होते हैं कलमों के निशान
जवाब देंहटाएंऔर होता है भाग्य की रेखा
उससे भी गहरी होती है कर्म की रेखा
कुछ बनते हैं महान
कुछ बनते-बनते रह जाते हैं
अद्भुत!
जवाब देंहटाएंरेखाएं जो नहीं होतीं
जवाब देंहटाएंतो भी
लोग प्यार करते
अपनी हथेलियों को
....गहन भावों की बहुत प्रभावी अभिव्यक्ति...
हथेलियों को
जवाब देंहटाएंसाथ लाने से बनती है अंजुरी
चाहो तो रखा जा सकता है
समंदर का पूरा जल
वितान का विस्तार
उतना ही प्यार .....
बहुत सार्थक हथेलियों की परिभाषा .
.बधाई अरुण जी...
bahut achchi lagi.....
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