शनिवार, 5 मई 2012

हथेलियां



१.
रेखाएं जो नहीं होतीं
तो भी
लोग प्यार करते
अपनी हथेलियों को

२.
हथेलियों को
साथ लाने से बनती है अंजुरी
चाहो तो रखा जा सकता है
समंदर का पूरा जल
वितान का विस्तार
उतना ही प्यार

३.
कुछ हथेलियों में होते हैं
कोयला, पत्थर, ईंट, सीमेंट,
मशीन के हत्थे के निशान
लोग संभाल कर
संजोते हैं उन्हें
किसी डिग्री या
प्रमाण पत्र की तरह

25 टिप्‍पणियां:

  1. रेखाएं जो नहीं होतीं
    तो भी
    लोग प्यार करते
    अपनी हथेलियों को

    बहुत सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति // बेहतरीन रचना //


    MY RECENT POST .....फुहार....: प्रिया तुम चली आना.....

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  2. हथेलियों को
    साथ लाने से बनती है अंजुरी
    चाहो तो रखा जा सकता है
    समंदर का पूरा जल
    वितान का विस्तार
    उतना ही प्यार

    जी, बिलकुल सही कहा ..... बहुत सुंदर

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  3. हथेलियों को
    साथ लाने से बनती है अंजुरी

    सुंदर अभिव्यक्ति ...!!

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  4. कुछ हथेलियों में सारे जहाँ की ख़ुशी होती है, और कुछ सब कुछ होकर भी खाली होती हैं... गहन अभिव्यक्ति... आभार

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  5. वाह वाह....................


    रेखाएं जो नहीं होतीं
    तो भी
    लोग प्यार करते
    अपनी हथेलियों को

    लाजवाब.....................

    सादर.

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  6. साधु-साधु
    सुन्दर अभिव्यक्ति,भावपूर्ण...

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  7. कुछ हथेलियों में होते हैं
    कोयला, पत्थर, ईंट, सीमेंट,
    मशीन के हत्थे के निशान
    लोग संभाल कर
    संजोते हैं उन्हें
    किसी डिग्री या
    प्रमाण पत्र की तरह.....sashakt

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  8. बहुत गहरी सफल अभिव्यक्ति ...
    बधाई अरुण !

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  9. हथेलियों की रेखाएँ
    पढ़नी नहीं आतीं जिनको
    वो भी पढ़ लेते हैं
    प्यार की रेखा ...

    सभी क्षणिकाएं गहन अर्थ लिए हुये

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  10. कुछ हथेलियों में होते हैं
    कोयला, पत्थर, ईंट, सीमेंट,


    यहीं हथेलियाँ अपने को गला - देश बना रही हैं.

    सुंदर रचना, साधुवाद.

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  11. जब जीवित प्रमाणपत्र हों हथेलियों में तो किसी कागजी पात्र की क्या जरूरत .... बहुत ही संवेदनशील होता है आपका लिखा ...

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  12. हथेलिओं पर उत्कृष्ट रचना...

    नीरज

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  13. गहन और सत्य को उदघाटित करती सशक्त रचना

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  14. यह हथेलियाँ ....अभिव्यक्त हुई हैं आपके इन शब्दों में गहनता से ..!

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  15. हथेलियों में आशाओं का विश्व समाया है।

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  16. बहुत खूब ...
    रेखाओं के बिना हथेलिया कब होती हैं

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  17. हथेलियों पर होते हैं कलमों के निशान
    और होता है भाग्य की रेखा
    उससे भी गहरी होती है कर्म की रेखा
    कुछ बनते हैं महान
    कुछ बनते-बनते रह जाते हैं

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  18. रेखाएं जो नहीं होतीं
    तो भी
    लोग प्यार करते
    अपनी हथेलियों को

    ....गहन भावों की बहुत प्रभावी अभिव्यक्ति...

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  19. हथेलियों को
    साथ लाने से बनती है अंजुरी
    चाहो तो रखा जा सकता है
    समंदर का पूरा जल
    वितान का विस्तार
    उतना ही प्यार .....

    बहुत सार्थक हथेलियों की परिभाषा .
    .बधाई अरुण जी...

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