मित्रों !
एक वर्ष पहले प्रकाशन शुरू करने का विचार आया था. वह विचार कम और उत्साह अधिक था. कोई योजना नहीं थी. संसाधन नहीं था. बस था तो उत्साह. शायद पहला प्रकाशक हूं जिसने पहले विश्व पुस्तक मेले में स्थान लिया था और कोई प्रकाशित पुस्तक नहीं थी. केवल योजना थी. सपने थे.
फिर विश्व पुस्तक मेला भी आया और साथ में करीब दस पुस्तकें. आदरणीय रश्मि प्रभा जी ने सबसे पहले भरोसा जताया, मौका दिया और विश्व पुस्तक मेले के बड़े मंच पर आठ पुस्तकों का भव्य विमोचन हुआ था. पहली बार ब्लॉग और सहित्य जगत के लोग एक साथ एकत्रित हुए थे. ज्योतिपर्व प्रकाशन एक पुल का कार्य किया था. कुछ ऐसी घटनाएँ हुई कि मन खिन्न हुआ. कोशिश तो हौसला पस्त करने की हुई, लेकिन असफल. हाँ गति थोड़ी कम हुई, खैर जीवन का एक रंग यह भी है.
मेरा विश्वास है कि मेरे गीत के प्रकाशन से हिंदी साहित्य में गीत विधा को नया जीवन मिलेगा।
गीतों का दौर फिर से लौटेगा. बच्चन और नीरज के युग की याद आएगी इन गीतों को पढ़ कर.
शिमला पुस्तक मेला जा रहा हूं. आप सबके स्नेह और शुभकामना के संग. आप सबको आमंत्रण है.
एक वर्ष पहले प्रकाशन शुरू करने का विचार आया था. वह विचार कम और उत्साह अधिक था. कोई योजना नहीं थी. संसाधन नहीं था. बस था तो उत्साह. शायद पहला प्रकाशक हूं जिसने पहले विश्व पुस्तक मेले में स्थान लिया था और कोई प्रकाशित पुस्तक नहीं थी. केवल योजना थी. सपने थे.
फिर विश्व पुस्तक मेला भी आया और साथ में करीब दस पुस्तकें. आदरणीय रश्मि प्रभा जी ने सबसे पहले भरोसा जताया, मौका दिया और विश्व पुस्तक मेले के बड़े मंच पर आठ पुस्तकों का भव्य विमोचन हुआ था. पहली बार ब्लॉग और सहित्य जगत के लोग एक साथ एकत्रित हुए थे. ज्योतिपर्व प्रकाशन एक पुल का कार्य किया था. कुछ ऐसी घटनाएँ हुई कि मन खिन्न हुआ. कोशिश तो हौसला पस्त करने की हुई, लेकिन असफल. हाँ गति थोड़ी कम हुई, खैर जीवन का एक रंग यह भी है.
१२-१७ मई तक शिमला में पुस्तक मेला हो रहा है. नेशनल बुक ट्रस्ट का आयोजन
है यह. इस बीच ब्लॉग के लोगों के साथ जो सफ़र शुरू हुआ था उसे हिंदी
साहित्य जगत के स्थापित हस्ताक्षरों ने एक नया लक्ष्य दिया और बहुत गर्व है
कि मेरी प्रिय कथाएं सीरिज़ के अंतर्गत संजीव, स्वयंप्रकाश और विजय जी का
संग्रह प्रकाशित हो गया है. इसी बीच हिंदी की स्थापित कथा लेखिका कुसुम
भट्ट जी का संग्रह "खिलता है बुरांश" भी प्रकाशित हो गया है. इसके अतिरिक्त
देव प्रकाश चौधरी की ओसामा बिन लादेन के जीवन पर आधारित किताब "एक था
लादेन" भी प्रकाशित हो गया है. ज्योति रॉय का एक संकलन "प्रसिद्द बाल
कवितायेँ" भी छप गया है. इसमें हिंदी की प्रसिद्द बाल कवितायेँ संकलित
हैं.
अँधेरे के बाद रौशनी का आना तय है. यह उस एक फ़ोन काल से आभास हुआ जब सलिल
वर्मा (चला बिहारी ब्लोगर बनने) ने कहा कहा कि सतीश सक्सेना जी (मेरे गीत
ब्लॉग) मुझ से प्रभावित हैं और बात करना चाहते हैं. सतीश जी से मिलकर लगा
कि मुझे एक बड़ा भाई मिल गया हो. मेरे प्रयास को देख वे इतने अभिभूत थे कि
मेरा आत्मविश्वास दुगुना नहीं बल्कि कई गुणा हो गया. इसी उत्साह में एक माह
से भी कम समय में ही सतीश जी के कर्णप्रिय मधुर गीतों का संग्रह "मेरे
गीत:" भी प्रकाशित हो गया. उनका व्यवहार, उनका स्नेह, उनकी ओर से मिली
आत्मीयता के लिए कोई भी शब्द कम है.मेरा विश्वास है कि मेरे गीत के प्रकाशन से हिंदी साहित्य में गीत विधा को नया जीवन मिलेगा।
गीतों का दौर फिर से लौटेगा. बच्चन और नीरज के युग की याद आएगी इन गीतों को पढ़ कर.
शिमला पुस्तक मेला जा रहा हूं. आप सबके स्नेह और शुभकामना के संग. आप सबको आमंत्रण है.
सतीश सर को बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें 'मेरे गीत' के लिए !
जवाब देंहटाएंमेरी अभी अभी उनसे बात हुई है ... काफी खुश है वो भी !
शिमला पुस्तक मेले के लिए मेरी ओर से शुभकामनायें स्वीकार करें !एक प्रकाशक के तौर पर आपका सफर बिना रोक टोक चलता रहे यही दुआ है !
इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - सेहत के दुश्मन चिकनाईयुक्त खाद्य पदार्थ - ब्लॉग बुलेटिन
हटाएंआपका सहयोग और समर्थन सदैव मिलता रहा है शिवम् जी. आप ज्योतिपर्व की नीव लगी ईंट हैं
हटाएंधन्यवाद अरुण जी ... इस मान के लिए !
हटाएंअरुण जी आपका प्रकाशन निरंतर प्रगती करे यही शुभकामनायें ...!
जवाब देंहटाएंसतीश जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें ...!शिमला में आपको खूब सफलता मिले ऐसी शुभकामनायें ...!!
shukriya anupma jee.. aapke ekal sangrah kee pratiksha kar raha hoon main
हटाएंप्रथम दर्शन
जवाब देंहटाएंसरोकार का
धन्य हो गई मैं
बधाइयाँ आपको...सफलता के लिये
सतीश जी और आपको ढेरों बधाई और भविष्य के समस्त शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंप्रथम प्रकाशन निरंतर प्रगति करे यही शुभकामनायें .है मेरी...
जवाब देंहटाएंसतीश जी को "मेरे गीत"पुस्तक की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें....
ईश्वर आपको सफलता के शिखर तक ले जाए मेरी यही कामना है.....
MY RECENT POST.....काव्यान्जलि ...: आज मुझे गाने दो,...
बहुत बहुत बधाई..... शुभकामनायें....
जवाब देंहटाएंविचारों के कर्यान्वयन में तकलीफ तो होती है लेकिन जब सफलता मिलती है तो असीम सुख भी प्राप्त होता है. मेरे गीत के बारे में सतीश जी के ब्लॉग से खबर मिली थी लेकिन मेरे गीत प्रकाशित भी हो चुकी है सुनकर उसे पढ़ने की उत्कंठा भी बढ़ गयी.
जवाब देंहटाएंआपका यह प्रयास निरंतर और निरवरत चलता रहे यही सुभेक्षा है. शुभकामनाएँ शिमला पुस्तक मेले के लिये भी. वापस आकार रिपोर्ट दें.
धन्यबाद.
नए प्रकाशनों के लिए बधाई और मेले के लिए शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंबड़ा ही महत कार्य हो रहा है, रचयिताओं को स्वर मिल रहे हैं।
जवाब देंहटाएंbadahii aap ko bhi aur laekhak ko bhi
जवाब देंहटाएंसतीश जी और आपको ढेरों शुभकामनायें....!
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं ||
एक महान काम कर रहे हैं आप। आपके अशेष शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंसपनों को उड़ने के लिए जरुरत भर उर्जा आपलोगों से ही मिलती है..
हटाएंढेर सारी शुभकामनायें .... रास्ते खुलते जाएँ .
जवाब देंहटाएंसतीश जी और आपको ढेर सारी शुभकामनाएं। बहुत खुशी हुई इस खबर को पढ़कर। आदरणीय रश्मि जी और सतीश जी में किसी के भी उत्साह को दुगना करने की अपार शक्ति हैं।
जवाब देंहटाएंसाहित्य की सेवा का ये भी एक माध्यम है ...
जवाब देंहटाएंआपको और सतीश जी कों बहुत बहुत शुभकामनायें ...
शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंसतीश सर को बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें '
जवाब देंहटाएंअरुण जी!
जवाब देंहटाएंआपके विषय में पहले भी आपके परिचय में कहा था मैंने और आज भी कह रहा हूँ कि जो दिल्ली महानगर में एक बोरी किताबें और दो आँखें भर सपने लेकर आया था, यह सब उस सपने की ताबीर है..!!और आज मैं कह सकता हूँ कि सपने कभी भी आँखों की साइज़ के हिसाब से नहीं देखे जाते, वे तो बस देखे जाते हैं.. कोई खिडकी की चौखट के अंदर से आसमाँ भर सपने देखता है, मगर आसमान उसी को हासिल होता है जो बाहर निकलकर हाथ फैलाकर आसमान को अपने आगोश में ले लेता है!!
परमात्मा आपकी स्वप्न को सफलता प्रदान करें! आमीन!!
सलिल जी आपकी टिप्पणी मेरे लिए उत्प्रेरक का काम करती है. सपनों को उड़ने के लिए जरुरत भर उर्जा आपलोगों से ही मिलती है..
हटाएंसुमामीन !
हटाएंअनंत शुभकामनाएँ....
जवाब देंहटाएंआपको और सतीश जी को..............
और बधाई भी...
सादर.
बहुत बहुत बधाई..... शुभकामनायें....
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं, सतीश जी को बधाई.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई..... शुभकामनायें....!!
जवाब देंहटाएंशुभकामनाऎं !!
जवाब देंहटाएंबधाई सहित शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंशिमला से लौट आए?
जवाब देंहटाएंअभी तक यही पोस्ट पड़ा है, मैं तो शिमला वृत्तांत पढ़ने आया था।
सतीश जी मेरे गीत के प्रकाशन पर बहुत बहुत बधाईयाँ
जवाब देंहटाएंआपको भी शुभकामनाएं.......अरुण जी
बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें। मुझे पहली बार पता चला कि आप पुस्तकों का प्रकाशन भी करते है। सैंपल के तौर पर एक पुस्तक भेज सकें त्तो कृ्पा होगी हाँ उसकी छपवाई की कीमत आदि का विवरण भी हो। धन्यवाद।
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