मैं चाहता हूँ
खा लूं भर पेट भात
डरता हूँ मैं
मरने से
जब कोई मरता है
मैं चाहता हूँ
उतार कर फेंक दूं
अपने सारे कपडे
नंगा हो जाऊं
डरता हूँ मैं
भार से
जब कोई मरता है
मैं चाहता हूँ
मुनादी करवा दूं
गाँव गाँव
शहर शहर
डरता हूँ मैं
कहीं लौट न आये वह
किसी के मरने से
बहुत खुश होता हूँ मैं
क्यूँ कि
मरने वाला नहीं लौटेगा
वसूलने उधारी
सलटाने बकाया हिसाब