सोमवार, 21 सितंबर 2015

क्लिक में तब्दील होते हम


हम सब 
हो रहे हैं तब्दील 
क्लिक में 

हम डाटा हैं 
मापे जाते हैं 
एमबी, जीबी और टीबी में 

हम फुटफॉल है 
हमारे आईबॉल्स गिनी जाती हैं 
सीसीटीवी कैमरे द्वारा 

हम हैं ट्रैफिक 
हमारी आवाजाही 
गिनी जाती हैं 
क्लिक की दर पर

हम हो सकते हैं
उपलोड
हम किये जा सकते हैं
डाउनलोड
हमें बफरिंग से बचाने के लिए
किये जा रहे हैं
पूरे प्रयास 

बाजार चाहता है 
अधिक से अधिक डेटा 
अधिक से अधिक ट्रैफिक 
मिलियन में क्लिक्स 

और बाज़ार के शब्दकोष में 
नहीं है आदमी जैसा कोई शब्द 


3 टिप्‍पणियां:

  1. सहमत - हाँ शायद नहीं

    जवाब देंहटाएं
  2. डीलिट ना हों बस यही कामना है :)
    सुंदर ।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत खूब अरुन भाई, नए ज़माने की नई शब्दावली में गढ़ी गई लाज़वाब कविता है। बधाई।

    जवाब देंहटाएं