प्रकृति
सबको देती है इतनी शक्ति
कि वह अपनी स्थिति का सामना कर सके
कि वह अपनी स्थिति का सामना कर सके
रेगिस्तान में देती है
ताप सहने की शक्ति
समंदर में देती है
लहरों से जूझने की कला
पहाड़ों में देती है
पत्थर से लड़ने का माद्दा
ताप सहने की शक्ति
समंदर में देती है
लहरों से जूझने की कला
पहाड़ों में देती है
पत्थर से लड़ने का माद्दा
जितना ताप सहते हैं हम
जितना तैरते हैं हम
जितना लड़ते हैं पत्थरों से
उतनी ही पुख्ता होती है हमारी क्षमता !
जितना तैरते हैं हम
जितना लड़ते हैं पत्थरों से
उतनी ही पुख्ता होती है हमारी क्षमता !
कितनी ही विषमताओं से गुज़रते हुए
आई हैं तुम में है कुछ अद्भुद शक्तियां
उन्हें भूलो नहीं , जैसे नहीं भूलता है मानव चलना, बोलना
तुम प्रकृति हो !
आई हैं तुम में है कुछ अद्भुद शक्तियां
उन्हें भूलो नहीं , जैसे नहीं भूलता है मानव चलना, बोलना
तुम प्रकृति हो !
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जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं ज्योति !