प्रकृति
सबको देती है इतनी शक्ति
कि वह अपनी स्थिति का सामना कर सके
कि वह अपनी स्थिति का सामना कर सके
रेगिस्तान में देती है
ताप सहने की शक्ति
समंदर में देती है
लहरों से जूझने की कला
पहाड़ों में देती है
पत्थर से लड़ने का माद्दा
ताप सहने की शक्ति
समंदर में देती है
लहरों से जूझने की कला
पहाड़ों में देती है
पत्थर से लड़ने का माद्दा
जितना ताप सहते हैं हम
जितना तैरते हैं हम
जितना लड़ते हैं पत्थरों से
उतनी ही पुख्ता होती है हमारी क्षमता !
जितना तैरते हैं हम
जितना लड़ते हैं पत्थरों से
उतनी ही पुख्ता होती है हमारी क्षमता !
कितनी ही विषमताओं से गुज़रते हुए
आई हैं तुम में है कुछ अद्भुद शक्तियां
उन्हें भूलो नहीं , जैसे नहीं भूलता है मानव चलना, बोलना
तुम प्रकृति हो !
आई हैं तुम में है कुछ अद्भुद शक्तियां
उन्हें भूलो नहीं , जैसे नहीं भूलता है मानव चलना, बोलना
तुम प्रकृति हो !
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जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं ज्योति !
हमारी ओर से भी मंगलकामनाएं प्रकृति के जन्मदिन पर।
जवाब देंहटाएंनमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी यह प्रस्तुति BLOG "पाँच लिंकों का आनंद"
( http://halchalwith5links.blogspot.in ) में
गुरूवार 19 अप्रैल 2018 को प्रकाशनार्थ 1007 वें अंक में सम्मिलित की गयी है।
प्रातः 4 बजे के उपरान्त प्रकाशित अंक अवलोकनार्थ उपलब्ध होगा।
चर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर।
सधन्यवाद।
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन 18 अप्रैल - विश्व विरासत दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.... लाजवाब.....
जवाब देंहटाएंवाह!!!
वाह!!बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंढेरों मंगलकामनाएं !
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंwaah bahut khoob
जवाब देंहटाएंआदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' २३ अप्रैल २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
जवाब देंहटाएंटीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।
निमंत्रण
विशेष : 'सोमवार' २३ अप्रैल २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने साप्ताहिक सोमवारीय अंक में दो अतिथि रचनाकारों आदरणीय सुशील कुमार शर्मा एवं आदरणीया अनीता लागुरी 'अनु' का हार्दिक स्वागत करता है। अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
बहुत सुन्दर!
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