1.
आसमान में जब
गुर्रा रहे होते हैं
तरह तरह के
लड़ाकू जहाज
तोप के बरसते गोलों से
जब दहलते हैं पहाड़
इस बीच जब मां के स्तनों से मूंह लगाये बच्चा
जब मुस्कुरा उठता है
झुक जाता है शीश
दुनिया भर के राज्याधीशों का.
2.
अभी अभी
इधर से ताबड़ तोड़ गोलियां चलीं
उस से पहले उस ओर से
बरस रही थी गोलियां
दूसरे पक्ष के जवानों को मार गिराने के
परस्पर दावों के बीच
एक छोटा बच्चा जिद्द किये बैठा है
पाठशाला जाने की
इस जिद्द के आगे
बौने प्रतीत होते हैं
दुनियां भर की सत्ताओं की जिद्द .
3.
झुलस गए हैं
गेंहूं के खेत
बारूद के गिरने से
एक पेड़ पर गिरे थे जो
गोले के छर्रे
जल गए हैं पत्ते
जो बच गए हैं
सहमे हुए हैं
राख के बीच
मुस्कुरा रहा है
फुलाया हुआ सरसों का नन्हा पौधा
निर्भीक, निर्भय
जैसे बुद्ध मुस्कुराते हैं
वार रूम की दीवार पर टंगे टंगे .