यदि युद्ध न हो
तो क्यों बने हथियार
क्यों बने बम , बन्दूक , बारूद !
तो क्यों बने हथियार
क्यों बने बम , बन्दूक , बारूद !
जब दुश्मन के गावों में, स्कूलों में , बच्चों पर
बरसाने ही नहीं हैं गोले
फिर क्यों बनाएं हमने
तोप, तरह तरह के अत्याधुनिक बमवर्षक विमान !
बरसाने ही नहीं हैं गोले
फिर क्यों बनाएं हमने
तोप, तरह तरह के अत्याधुनिक बमवर्षक विमान !
सेनाओं को प्रतिकूल से प्रतिकूल परिस्थिति में लड़ने के
तैयार किया गया है इसीलिए तो
कि एक दिन वे लड़ें, मारें, मर जाएँ
और शहीद कहलायें !
कि एक दिन वे लड़ें, मारें, मर जाएँ
और शहीद कहलायें !
दुनिया कभी युद्ध-मुक्त नहीं हो सकेगी
और जो कह रहे हैं जमा कर सीमा पर सेना
भण्डार कर तरह तरह के अत्याधुनिक शस्त्र-अस्त्र
कि नहीं चाहते युद्ध,
सरासर झूठ कहते हैं वे .
और जो कह रहे हैं जमा कर सीमा पर सेना
भण्डार कर तरह तरह के अत्याधुनिक शस्त्र-अस्त्र
कि नहीं चाहते युद्ध,
सरासर झूठ कहते हैं वे .
झूठ यानि आज का सच।
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंनिःशब्द हूँ।
कितना सही। ये सैनिक और ये बम हथियार बनाए ही जाते हैं कि युद्ध हो। सैनिक मरते हैं दोनों तरफ़ और बड़ी शान से दोनों कहते हमने इतने को मारा। इधर के मरें उधर के मरें मरता तो इंसान ही है। सियासत को क्या?
जवाब देंहटाएंशांति की तलाश में भटकते युद्ध
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ अपने मन में सम्वेदना लिए हुए हैं । बधाई
जवाब देंहटाएं