सोमवार, 31 जनवरी 2022

जादुई भविष्यवक्ता

अमरीकी कवयित्री  सारा ट्रेवर टीसडेल  (1884-1933) की कविता द क्रिस्टल गेजर का हिन्दी अनुवाद अरुण चन्द्र राय द्वारा । 


मैं स्वयं को फिर से स्वयं में  लूँगी समेट 

मैं अपने बिखराव को एक कर दूँगी खुद को  भेंट 

उन्हें  मिलाकर गढ़ लूँगी एक अद्भुद प्रकाश पुंज  

 जहां से निहारूंगी मैं चांद और  सूरज का कुंज 


घंटों निहारूंगी समय को जैसे कोई जादूगरनी 

भविष्य  और वर्तमान की घूमती हो जैसे घिरनी 

और बेचैन लोगों की उतरूँगी मैं तस्वीर 

आत्ममुग्ध होकर फिर रहे  होकर जो अधीर 

शुक्रवार, 28 जनवरी 2022

लोकतन्त्र का पर्व चुनाव

लोकतन्त्र का पर्व चुनाव 

जन गण मन  का पर्व चुनाव 

गणतन्त्र का मर्म चुनाव 

लोकतन्त्र का पर्व चुनाव 


जाति की बंधन तोड़ो 

धर्म का भेद छोड़ो 

अपने मुद्दों को पहचानो 

मत छोड़ो मजधार में नाव  

लोकतन्त्र का पर्व चुनाव 

गणतन्त्र का मर्म चुनाव 


लोक लुभावन वादों को छोड़ो 

असली मुद्दों से नाता जोड़ो 

रोजी रोटी का न हो तनाव 

लोकतन्त्र का पर्व चुनाव 

गणतन्त्र का मर्म चुनाव 


अमीर गरीब को समान अधिकार 

सबको धंधा सबको रोजगार 

न हो किसी को कोई अभाव 

लोकतन्त्र का पर्व चुनाव 

गणतन्त्र का मर्म चुनाव 


सोमवार, 17 जनवरी 2022

अमेरिकन कवयित्री ग्वेन्डोलिन ब्रूक्स की कविता "द क्रेज़ी वुमेन" का अनुवाद

अमेरिकन कवयित्री  ग्वेन्डोलिन ब्रूक्स की कविता "द क्रेज़ी वुमेन" का  मूल अँग्रेजी से अनुवाद अरुण चन्द्र रॉय द्वारा 


मैं नहीं गाऊँगी मई का गीत 

मई के गीत मे होना चाहिए मनमीत 

मैं करूंगी नवम्बर के आने का इंतजार 

और गाकर करूंगी उदासी का इज़हार 


मैं करूंगी नवम्बर तक प्रतीक्षा 

तभी पूरी होगी मेरी आंकक्षा 

मैं धुंध अंधेरे में बाहर जाऊँगी 

और ज़ोर ज़ोर से गाऊँगी 


और दुनिया मुझे घूरेगी 

मुझपर फब्तियाँ कसेगी 

"कहेगी  है यह औरत पागल, है पागल इसकी रीत " 

जो नहीं गाती है मई  में खुशी के गीत। "