अमरीकी कवयित्री सारा ट्रेवर टीसडेल (1884-1933) की कविता द क्रिस्टल गेजर का हिन्दी अनुवाद अरुण चन्द्र राय द्वारा ।
मैं स्वयं को फिर से स्वयं में लूँगी समेट
मैं अपने बिखराव को एक कर दूँगी खुद को भेंट
उन्हें मिलाकर गढ़ लूँगी एक अद्भुद प्रकाश पुंज
जहां से निहारूंगी मैं चांद और सूरज का कुंज
घंटों निहारूंगी समय को जैसे कोई जादूगरनी
भविष्य और वर्तमान की घूमती हो जैसे घिरनी
और बेचैन लोगों की उतरूँगी मैं तस्वीर
आत्ममुग्ध होकर फिर रहे होकर जो अधीर