कैसा है आपके घुटने का दर्द ?
इधर तो बादल नहीं हैं /लेकिन क्या उधर
बुझ रही है मिटटी की प्यास ?
इधर तो कुत्ते रो रहे हैं प्यास से
उधर तो गायें गर्भवती हुई होंगी ?
गायें अक्सर बारिश के मौसम में गर्भवती होती हैं
और बारिश में गर्भवती होती है धरती भी
ताल तलैया सब लबालब भर जाते हैं
लेकिन इधर तो सब कल्पना है
क्या आपके तरफ स्थिति भिन्न है ?
प्रार्थना है कि आपके तरफ ऐसा सूखा न हो
न मौसम में , न विचार में
जब दिमाग पर अधिक बोझ आ जाए
तो किसी को घुटने का दर्द पूछना निरा मूर्खतापूर्ण है
किन्तु क्या आप जानते हैं कि दुनिया में मूर्ख लोग न हो
तो नहीं होगी बारिश /नहीं बोये जाएंगे धान
सब्ज़ियां नहीं उगेंगी /टमाटर तो बिलकुल नहीं
और नारियल का पेड़ तो कोई लगाएगा ही नहीं
हाँ, प्यार भी नहीं करेगा कोई।
अब बताइयेगा कैसा है आपके घुटने का दर्द
जानता हूँ आपके दिमाग पर इनदिनों
बहुत बोझ है अरमानों का /दवाब बहुत है बाजार का।
घुटने हवा हो जाते हैं दिमाग में हवा भरी रहे अगर हा हा
जवाब देंहटाएंसुन्दर
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (03-07-2019) को "मेघ मल्हार" (चर्चा अंक- 3385) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत प्रभावी ....
जवाब देंहटाएंकही भी जाए रचना पर सटीक निशाने पे चोट करती हुयी है ...