साँसों में जाने वाला धुंआ
कहीं अधिक खतरनाक है
भीड़ द्वारा पत्थर मारने के
या दंगा में दुकानों के जलाने के
या भीड़ द्वारा किसी की हत्या के
या कोई धार्मिक किताब ही जलाने के
लेकिन साँसों में जाने वाले धुंआ के लिए
कभी नहीं खौलता हमारा खून .
साँसों में जाने वाला धुंआ
कहीं अधिक खतरनाक है
भीड़ द्वारा पत्थर मारने के
या दंगा में दुकानों के जलाने के
या भीड़ द्वारा किसी की हत्या के
या कोई धार्मिक किताब ही जलाने के
लेकिन साँसों में जाने वाले धुंआ के लिए
कभी नहीं खौलता हमारा खून .