गुरुवार, 16 अक्टूबर 2025

उदासी

6 टिप्‍पणियां:

  1. उदासी
    एक से दूसरे को
    आसानी से छू जाती है
    एक छूत की बीमारी है शायद।
    सादर।
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    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार १७ अक्टूबर २०२५ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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  3. बेबसी से उपजती है उदासी, पर उदासी भी झर जाती है थक कर और फिर उजास खिल उठता है

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  4. आपकी हर एक कविता में “उदासी” का रूप अलग है, कभी दीपक की थकान में, कभी माँ की मजबूरी में, तो कभी आम इंसान की बेबसी में। तुम्हारे शब्द बहुत सादे हैं, लेकिन असर गहरा छोड़ते हैं। आपकी ये कविताएँ पढ़कर सच में महसूस हुआ कि “उदासी” भी कितनी सुंदर और सच्ची हो सकती है।

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