डॉ. शेरजंग गर्ग जी का अभिवादन करती ज्योति |
डॉ. राजेंद्र अग्रवाल का अभिवादन करती ज्योति |
मंच सञ्चालन करते सलिल वर्मा |
वरिष्ठ कथाकार श्री संजीव जी का अभिवादन करती ज्योति |
वरिष्ठ कवि मदन कश्यप का अभिवादन करती ज्योति |
एक सांस मेरी काव्य संग्रह का विमोचन |
एक सांस मेरी की प्रति को देखते वरिष्ठ कवि मदन कश्यप जी |
सम्माननीय दर्शक गण |
वरिष्ठ व्यंग्यकार प्रेम जनमजेय जी और बलराम अग्रवाल जी दर्शक दीर्घा में |
दर्शक समूह |
सलिल वर्मा जी जिन्होंने अपने कुशल सञ्चालन से कार्यक्रम को सफल बनाया |
सलिल वर्मा जी जिन्होंने अपने कुशल सञ्चालन से कार्यक्रम को सफल बनाया |
नाज़ ए हिंद का विमोचन |
नाज़ ए हिंद सुभाष की प्रति के साथ कवि द्वय श्री मदन कश्यप और श्री उपेन्द्र कुमार , भा प्र से (भूतपूर्व संयुक्त सचिव (रक्षा मंत्रालय) |
नाज़ ए हिंद सुभाष की प्रति के साथ कथाकार संजीव, लेखक जयदीप शेखर और डॉ. राजेंद्र अग्रवाल |
चर्चित ब्लोगर श्रीमती वंदना गुप्ता , आनंद द्विवेदी और संजू तनेजा जी . सुदूर में जयदीप शेखर के मित्र |
चर्चित ब्लोगर एवं वरिष्ठ व्यंग्यकार श्री अविनाश वाचस्पति की पुस्तक व्यंग्य का शून्यकाल का विमोचन |
रामपती जी के काव्य संग्रह लहरों के बीच का विमोचन |
राजेश उत्साही जी के काव्य संग्रह वह, जो शेष है का विमोचन |
नाज़ ए हिंद सुभाष पुस्तक का विमोचन |
नाज़ ए हिंद सुभाष पुस्तक पर बोलते हुए श्री संजीव |
दर्शक दीर्घा में सम्मानित साहित्यकार और ब्लोगर |
दर्शक दीर्घा में सम्मानित साहित्यकार और ब्लोगर |
ब्लॉग और मूलधारा के साहित्य पर प्रकाश डालते हुए कवि मदन कश्यप |
रश्मिप्रभा जी की किताब आत्मचिंतन का विमोचन |
डॉ. शेर जंग गर्ग जी अविनाश वाचस्पति जी की पुस्तक पर बोलते हुए |
विहंगम दृश्य |
विहंगम दृश्य |
अनुपमा जी अपनी पुस्तक के साथ |
अनुभूति का विमोचन |
गीता का पाठ करती अनुपमा त्रिपाठी जी |
गीता का पाठ करती अनुपमा त्रिपाठी जी |
डॉ. राजेंद्र अग्रवाल ज्योतिपर्व प्रकाशन और आत्मचिंतन पुस्तक पर बोलते हुए |
दर्शक गण |
निर्मल गुप्त की किताब एक शहर किस्सों भरा का विमोचन |
एक सांस मेरी के विमोचन पर पहुच नहीं सके थे श्री एम् वर्मा. बाद में एक सांस मेरी की प्रति के साथ श्री वर्मा और श्री उपेन्द्र कुमार |
जयदीप शेखर अपने मित्रो के साथ पुस्तक विमोचन के उपरांत |
अपने मित्रो के बीच एक सांस मेरी के साथ वर्मा जी और गुंजन जी |
एक सांस मेरी के विमोचन पर पहुच नहीं सके थे श्री एम् वर्मा. बाद में एक सांस मेरी की प्रति के साथ डॉ. गर्ग, मदन कश्यप, एम् वर्मा और उपेन्द्र कुमार |
थिंक इण्डिया के संपादक डी पी त्रिपाठी जो कि एक अग्रणी बुद्धिजीवी हैं , सभा में मौजूद थे और हमारा दुर्भाग्य कि हम उन्हें उचित सम्मान न दे सके. अनुपमा जी के अनुरोध पर वे पधारे थे. |
थिंक इण्डिया के संपादक डी पी त्रिपाठी |
बैक ड्रॉप नए लोग नई सोच - समारोह के बाद अकेला |
aapko aur apse jude sabhi lekhak/kavi/vyangyakar ko meri shubhkamnaye w badhai...:)
जवाब देंहटाएंholi ki shubhkamnyen..
बढ़िया कार्यक्रम ... उतने ही बढ़िया चित्र ... हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चित्रमयी प्रदर्शनी सभी लेखकों और प्रकाशक को हार्दिक बधाई और शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंआरम्भ बहुत बढ़िया ... ज्योति को देखकर अच्छा लगा . यूँ हीं आगे बढ़ते जाइये दोनों
जवाब देंहटाएंपुस्तक - मेला घुमना तो घर बैठे हो गया.... !! आनन्द आ गया .... !!
जवाब देंहटाएंसभी लेखकों और प्रकाशक को हार्दिक बधाई और शुभकामनायें .... :)
लग रहा ई कार्यक्रम जोर दार रहा ... आपकी मेहनत सफल हो रही है अरुण जी ... सभी चित्र लाजवाब और प्रोग्राम का लेखा जोखा दे रहे हैं ... आपको बहुत बहुत बधाई और शुभ कामनाएं ...
जवाब देंहटाएंआपको होली की बहुत बहुत बधाई ...
प्रकाशिका और लेखक/लेखिकाओं को बधाई, शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंचित्रमय झांकी से मन में यह भाव उठना ही था कि मैंने कितना कुछ मिस किया - !
first of all congrates.....all pictures are very nice....who is Jyoti??
जवाब देंहटाएंमेरी पत्नी हैं ज्योति जी. यह प्रकाशन उन्ही का है.
हटाएंअरुण जी शुरूआत ऐसे ही अकेले अकेले होते ही....कारवां बनता जाता है। शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंऔर आपके आखिर फोटो पर मेरी कविता की दो पंक्तियां-
हम तो ठहरे पत्थर,राह में छूट जाएंगे
एक दिन वो भी होगा, मील के कहाएंगे
Bahut achha laga in tasveeron ko dekhna!
जवाब देंहटाएंप्रकाशिका और लेखक/लेखिकाओं को बधाई ||
जवाब देंहटाएंदिनेश की टिप्पणी : आपका लिंक
dineshkidillagi.blogspot.com
होली है होलो हुलस, हुल्लड़ हुन हुल्लास।
कामयाब काया किलक, होय पूर्ण सब आस ।।
आप सभी को बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंPRAKASHAK LEKHAK LEKHIKAON KO BADHAYI.
जवाब देंहटाएंसुन्दर आयोजन की विस्तृत चित्र श्रंखला..
जवाब देंहटाएंachcha sab pata chala.....thank you.
जवाब देंहटाएंsunder prastuti
जवाब देंहटाएंरंग बिरंगी है रंगोली
मस्तानो की निकली टोली
कहीं अबीर गुलाल कहीं पर
चली धडल्ले भंग की गोली
पिचकारी से छूटे गोली
रहे सलामत कैसे चोली
ईना, मीना, डीका, रीना
नहीं बचेगी कोई भोली
आज अधर खामोश रहेंगे
आज रंग हैं सबकी बोली
आज नहीं छोड़ेंगे भौजी
बुरा न मानो है ये होली
होली पर आप को मेरे और मेरे परिवार की और से हार्दिक शुभकानाएं ...होली के बिबिध रंगों की तरह आपका जीवन रंगबिरंगा बना रहे ....खुशियाँ आपके कदम चूमे ..आपके अंतर का कलुष हटे.......प्रेम का साम्राज्य चहु ओर स्थापित हो ..पुनः इन्ही शुभकामनाओं के साथ
डॉ आशुतोष मिश्र
निदेशक
आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी
बभनान , गोंडा . उत्तरप्रदेश
मोबाइल न० 9839167801
शानदार चित्रमय प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी मिली सुन्दर समारोह के बारे में.
बहुत बहुत बधाई.
होली की आपको व् आपके समस्त परिवार को
हार्दिक शुभकामनाएँ
सर्वप्रथम तो आप सबों को ढेरों बधाइयाँ पुस्तक प्रकाशन एवं सफल विमोचन के लिए...
जवाब देंहटाएंएकसाथ वरिष्ठ कलमकारों को इस प्रकार देख अपार हर्ष हुआ..
बिना उपस्थित हुए भी आपने जिस तरह चित्रों के माध्यम से सैर करायी, लगा वहीँ उपस्थित रहे हों..सो बहुत बहुत आभार..
आपकी पुस्तकें खूब प्रचारित और लोकप्रिय हों,यही मंगलकामना है.
बहुत उम्दा . आपको और ज्योतिजी को हार्दिक शुभकामनायें और बधाइयाँ , ज्योति प्रकाशन यूँ ही आगे बढ़ता रहे ...
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाइयाँ अरुण जी
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