हो जाना है अंत
सभी आयुधो का
सभी बमवर्षक विमान
धराशायी हो जायेंगे
बंदूकों की नालियां
हो जाएँगी बंद
फौजों के बूटों के
तलवो में लगी गिट्टियाँ
घिस जाएँगी
और तोपों के गोले
हो जायेंगे फुस्स
अंतर की दीवारें
गिर जाएँगी
इर्ष्या का धुंआ
छंट जायेगा
और सीमाएं सब
ध्वस्त हो जाएँगी
एक दिन
बस एक बीज
जो गया है धरती के गर्भ में
अंकुरित होगा अंततः
किन्तु एक युद्ध के बाद
जो कहीं से भी नहीं है
अपरिहार्य
अंतर की दीवारें
जवाब देंहटाएंगिर जाएँगी
इर्ष्या का धुंआ
छंट जायेगा
और सीमाएं सब
ध्वस्त हो जाएँगी
एक दिन
Bahut,bahut sundar!
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंऔर छोटे छोटे
जवाब देंहटाएंयुद्ध जो हम
लड़ने से
बचतें हैं
फिर नहीं होंगे
हमारे सामने
उस एक युद्ध
के बाद
साधुवाद !!!!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार (17-07-2012) को चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
भरपूर आशावाद आनंददायी होता है.
जवाब देंहटाएंसुखद कल्पनाएँ .... अनायास घेरने वालों तनावों से दूर रखती हैं.
साधु.
अंतत: होना तो यही है लेकिन तब जब सब ध्वस्त हो चुका होगा ... गहन चिंतन
जवाब देंहटाएंबेहतरीन...............
जवाब देंहटाएंअनु
अति उत्तम....
जवाब देंहटाएंबस एक शब्द : निशब्द.
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा भाव समेटे है आपने ... बधाइयाँ !
जवाब देंहटाएंआपके इस खूबसूरत पोस्ट का एक कतरा हमने सहेज लिया है, तेजाब :- मनचलों का हथियार - ब्लॉग बुलेटिन, के लिए, पाठक आपकी पोस्टों तक पहुंचें और आप उनकी पोस्टों तक, यही उद्देश्य है हमारा, उम्मीद है आपको निराशा नहीं होगी, टिप्पणी पर क्लिक करें और देखें … धन्यवाद !
सभी बमवर्षक विमान
जवाब देंहटाएंधराशायी हो जायेंगे
बंदूकों की नालियां
हो जाएँगी बंद
sarthak likha hai aapne .aabhar
बहुत सुंदर लिखा है ...
जवाब देंहटाएंबधाई ..इस रचना के लिये ...!!
क्या कहने अरुण जी , बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंआपको पढना वाकई सुखद अनुभव है।
सुंदर रचना के लिए बधाई। मेरे नए पोस्ट 'अतीत से वर्तमान तक का सफर पर" आपका हार्दिक अभिनंदन है । धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबस एक बीज
जवाब देंहटाएंजो गया है धरती के गर्भ में
अंकुरित होगा अंततः
यही तो नव सृजन का नयी सृष्टि का अंकुर होगा।
bahut hi shandar
जवाब देंहटाएंहोनी को कोई रोक नहीं सकता ... बस समय का इंतज़ार है ...
जवाब देंहटाएंभावमय बेहतरीन प्रस्तुति,,,,,
जवाब देंहटाएंपोस्ट पर आने के लिए आभार,,,,,,,
RECENT POST ...: आई देश में आंधियाँ....
समझने की कोशिश कर रहा हूं कि यह कौन सा बीज है। तब तक तो संशय बना ही रहेगा कि यह बीज पल्लवित पुष्पित होगा भी या महीं।
जवाब देंहटाएंपता नहीं युद्ध के अतिरिक्त कोई उपाय है कि नहीं।
जवाब देंहटाएंbas us beej ka intzaar hai.
हटाएंबेहतरिन रचना
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