चीटियाँ
मर जाती हैं
कतार में चलते हुए
डूब जाती है
गौरैया
चोच में लिए तिनका
नदी की लहरो में फंस कर
गिलहरी
शिकार हो जाती है
बंदरों के झपट्टे के
कुचल कर मारा जाता है
बेनाम बूढा
किसी रेलवे स्टेशन पर
धक्का मुक्की में
और
हमारे चारोओर
बिछे हुए हैं
तमाम लैंडमाइंस
फरेब और धोखे के
और इसके चपेट में आने वाली
घटनाओ को कहा जाता है
आत्महत्या
हम मारे नहीं जाएंगे कभी !!!
कटु सत्य ... मारे जाने के साथ मर जाने का पाप भी हमारे ही सर रहने वाला है ...
जवाब देंहटाएंआज के ताजे सच की सटीक अभिव्यक्ति ...
भावपूर्ण रचना !
जवाब देंहटाएंबेहद संजीदा
जवाब देंहटाएंआभार
kitnaa sach
जवाब देंहटाएंएक कटु सत्य...कुछ ही शब्दों में बहुत कुछ कह दिया...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंकटु सत्य सटीक अभिव्यक्ति ..
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