एक पत्ता
शाख से गिरकर
हवा में तैर रहा है
अकेला
वह
यूं ही नहीं उड़ रहा
वह लड़ रहा है
हवा से
हवा के रुख से
वह घरती पर गिरता है
फिर हवा का झोंका उसे
उडा ले जाती है
अपनी दिशा में
पत्ता कमजोर है
लेकिन वह हारता नहीं है
लड़ता है
थकता है
मिटटी को पकड़ कर
दिखाता है संघर्ष
अपने होने का अर्थ
शाख से टूटे
अकेले पत्ते को मालूम है
जो पत्ते
उड़ते नहीं , पर नहीं फैलाते
संघर्ष नहीं करते
जल दिए जाते हैं चुन चुन कर
माली के हाथों।
सुंदर रचना ।
जवाब देंहटाएंसच है , अपने अस्तित्व के लिए भी लड़ना होता है ।
जवाब देंहटाएंवाई फाई प्रयोग से होने वाले शारीरिक दुष्प्रभावो के सम्बन्ध में विशेष अपील
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना बधाई !
पत्ते को जलने से बचना होगा.........
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