दुःख को
जो व्यक्त कर सकते हैं हैं
शब्दों में
उन्हें दुःख के बारे में
मालूम नहीं कुछ
जो कहते हैं
थाम लो लहरो को
और समंदर को पी लो
वे नहीं उतरे हैं
खारे पानी में कभी
जिनको
मेरी बुशर्ट दिखती है
अधिक रंगीन
उन्हें मालूम नहीं
असंख्य चाबुक के निशान
ढूंढें जा सकते हैं
मेरी पीठ पर
गहरे भाव
जवाब देंहटाएंहकीकत और आभासी दुनिया में कितना अंतर है ... सच को झेलना आसान नहीं होता ...
जवाब देंहटाएंबहुत प्रभावी रचना ...
एकदम परिपूर्ण और प्रभावी कविता है .
जवाब देंहटाएंगहन भाव ....
जवाब देंहटाएंGreat job to attract the visitors. Lots of thank from my Smart Lifestyle site.
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कोई नहीं समझ पाता अन्दर के दर्द को .............सच्ची !!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन एज युज्वल