शुक्रवार, 21 अगस्त 2015

क्या समझ रहे हैं आप

मैंने कहा
एक कुत्ते का बच्चा
गाडी के पहियों के नीचे दब कर
मर गया
आप ने समझा
आदमी का बच्चा !


मैंने कहा
कितने मासूम से
लग रहे हैं ये
पेड़ पौधे
आपने समझा
टेढ़ी हो रही है
मेरी नज़र

मैंने कहा
हवा में घुटन की वजह से
सांस लेना हो रहा
कठिन
आपने समझा
ख़राब हो रहा है
देश का माहौल !


मैंने कहा
रोटी में
पसीने की गंध
कहाँ होती अब
आपने समझा
नसों में घुस गई है
बेईमानी

मैंने क्या कहा
और क्या समझ रहे हैं आप
उफ्फ !


6 टिप्‍पणियां:

  1. आप अपनी कहते रहें
    बहुत ही अच्छा हैं
    हम अपनी समझते रहें
    वो और भी अच्छा है :)

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  2. बहुत सटीक..सब अपनी अपनी अपनी सोच के साथ अर्थ निकाल लेते हैं...बहुत सुन्दर प्रस्तुति

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  3. बहुत सुंदर. अर्थ का अनर्थ ऐसा होता है.

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  4. ये तो होता ही है ... कभी समझाने वाला कभी समझने वाला ... सही मतलब चाहिए भी किसे है ...

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  5. अपने मतलब का मतलब सब निकाल लेते है कहने वाला कुछ भी कहता रहें
    http://savanxxx.blogspot.in

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  6. समझ समझ का फेर है

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