1
सूख जाएँगी
जब सब नदियां
समुद्र लौटेंगे
पहाड़ों की तरफ
2
लहरें दूत हैं
लौट जाते हैं
देकर सन्देश
3
यह समुद्र ही है
जो नहीं होता अकेला
इसके भीतर होता है
पानी का अथाह शोर
4
समुद्र
बूढा हो रहा है
मर जायेगा एक दिन
फिर से बनेगी
सृष्टि
5
सोख लेता है
हमारे भीतर का
सब अहं
बैठो तो एक पल
समुद्र के साथ
6
खारापन
ताकत है
समुद्र का
पसीने की