गुरुवार, 9 मार्च 2017

अश्लीलता

अब अश्लीलता का रंग 
ब्लू नहीं होता 
अब यह सिमटा नहीं 
पीली पन्नी में 
न ही सिनेमा घरों में होता है 
इनका नियत समय , देर रात या सुबह सवेरे 
जहाँ जाने से भय और शर्म खाते हों लोग।  

अब इसकी घुसपैठ है 
दिल में, दिमाग में  
पूरी रंगीनियत के साथ 
यह समय है 
सामूहिक अश्लीलता का ! 

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