गुरुवार, 14 दिसंबर 2017

झूठ

एक झीनी सी 
रेखा होती है 
सच और झूठ के बीच 

होता है एक 
झिल्लीदार पर्दा 
झूठ और सच के मध्य 

तुम चाँद सी लगती हो 
झूठ ही तो है 
झूठ ही तो है 
जब कोई कहे 
तुम में बसती है 
मेरी जान 
सब झूठ है 

वह भी तो झूठ है 
जो कहती हो तुम 
मेरे कानो में 
मेरे सपनो में 
सपने भी झूठ ही होते हैं 
फिर भी 
देखते हैं सपने हम , तुम, सब 

झूठ होती है 
सब प्रार्थना 
सब दुआएं 
यदि यह सच है कि 
ईश्वर ने रचा है यह विधान 
क्योंकि वह तो सबसे बड़ा झूठ है 

जो आज झूठ है किसी के लिए 
हो सकता है वही एकमात्र विकल्प रहा हो 
किसी के लिए 
स्थितियों परिस्थियों के अनुकूल 
झूठ सच के भेद को देता है मिटा 

जब भी तुमसे कहता हूँ मैं
इस देश का राजा भी बोलता है
झूठ,
तुम हँसकर कहती हो
'मुझे नहीं चाहिए झूठ बोलने वाला राजा"
और तुम्हारा चेहरा लाल हो उठता है
झंडे की तरह .


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