शुक्रवार, 29 जून 2018

राष्ट्रभक्त

अंग्रेजी भाषा के आधुनिक कवियों में एक निसीम एजेकिल की एक कविता "पेट्रियट" के अनुवाद करने की कोशिश की है।  यह कविता एमरजेंसी के दौरान लिखी गई है।  अच्छे दिन और रामराज्य की तलाश उन दिनों भी थी।  यही बात आज इस कविता को प्रासंगिक बना रही है। 

राष्ट्रभक्त

मैं शांति और अहिंसा का पक्षधर हूँ
किन्तु पूरी दुनिया क्यों लड़ रही है
लोग क्यों नहीं महात्मा गांधी  के दिखाए रास्ते का पालन कर रहे
मेरी समझ से परे है यह बात

 कहते हैं प्राचीन भारतीय ज्ञान शत प्रतिशत सही है
मैं कहूंगा यह दो सौ प्रतिशत सही है
किन्तु आधुनिक पीढ़ी क्यों विमुख है पुरातन से
बढ़ती ही जा रही है इच्छा फैशन और विदेशी वस्तुओं के लिए

आये दिन पढता हूँ मैं समाचार पत्रों में
(इनदिनों मैं टाइम्स ऑफ इंडिया पढ़ रहा हूं
अपनी अंग्रेजी भाषा में सुधार करने के लिए)
कैसे एक गुंडे ने
इंदिराबेन पर पत्थर फेंक दिया
अवश्य ही वह अशांत और असंतुष्ट छात्र रहा होगा
ऐसा मैं सोच रहा हूँ
मेरे दोस्तों, मित्रों, देशवासियों, मैं कह रहा हूं (स्वयं से )
मेरी बात सुनो
आ रहे हैं अच्छे दिन
पुनर्जन्म, रोज़गार, गर्भनिरोधक।
भाइयों और बहनों धैर्यपूर्वक रहो!

आप एक गिलास लस्सी चाहते हैं?
पाचन के लिए बहुत अच्छा है।
हलके नमक के साथ लाज़वाब पेय
शराब से बेहतर;
ऐसा नहीं है कि मैं कभी शराब चखने वाला हूँ
मैं हूँ बिलकुल टीटोटलर, सनातनी
किन्तु मैं कहता हूं
शराब केवल शराबी के लिए है।

विश्व शांति की संभावनाओं के बारे में आप क्या सोचते हैं?
पाकिस्तान इस तरह व्यवहार कर रहा है,
चीन इस तरह व्यवहार कर रहा है,
यह मुझे सचमुच दुखी कर रहा है, मैं आपको बता रहा हूं।
वास्तव में, मैं वकाई परेशान हूँ !

सभी व्यक्ति हमारे दोस्त हैं, ऐसा नहीं है
भारत में भी ऐसा नहीं है
गुजराती, मराठी, बिहारी , बंगाली
सभी भाई हैं क्या?
हालांकि सबमे में कुछ अजीब आदतें हैं
फिर भी, हम एक दूसरे  को झेलते हैं
ऐसे ही निश्चित रूप से आयेगा रामराज्य किसी दिन

आप जा रहे हैं नाराज़ होकर?
लेकिन आप फिर से लौटेंगे
किसी भी समय,
किसी भी दिन,
मैं उत्सवों में विश्वास नहीं करता
मुझे आपका साथ पसंद है !

- अनुवाद : अरुण चंद्र रॉय

Original Poem

Patriot

I am standing for peace and non-violence.
Why world is fighting fighting
Why all people of world
Are not following Mahatma Gandhi,
I am simply not understanding.
Ancient Indian Wisdom is 100% correct,
I should say even 200% correct,
But modern generation is neglecting -
Too much going for fashion and foreign thing.
Other day I'm reading newspaper
(Every day I'm reading Times of India
To improve my English Language)
How one goonda fellow
Threw stone at Indirabehn.
Must be student unrest fellow, I am thinking.
Friends, Romans, Countrymen, I am saying (to myself)
Lend me the ears.
Everything is coming -
Regeneration, Remuneration, Contraception.
Be patiently, brothers and sisters.
You want one glass lassi?
Very good for digestion.
With little salt, lovely drink,
Better than wine;
Not that I am ever tasting the wine.
I'm the total teetotaller, completely total,
But I say
Wine is for the drunkards only.
What you think of prospects of world peace?
Pakistan behaving like this,
China behaving like that,
It is making me really sad, I am telling you.
Really, most harassing me.
All men are brothers, no?
In India also
Gujaratis, Maharashtrians, Hindiwallahs
All brothers -
Though some are having funny habits.
Still, you tolerate me,
I tolerate you,
One day Ram Rajya is surely coming.
You are going?
But you will visit again
Any time, any day,
I am not believing in ceremony
Always I am enjoying your company.

Nissim Ezekeil

3 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छी रचना
    बढिया अनुवाद

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  2. बहुत खूब ... इस राम राज्य की तो हजारों सालों से प्रतीक्षा है ...
    क्या आएगा सच में ... या आ चुके हैं अच्छे दिन ...
    अच्छी गहरी अभिव्यक्ति अनुवाद रूप में अच्छी रचना ...

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