मंगलवार, 18 फ़रवरी 2025

धीरे धीरे खत्म हो जाएगा बसंत - 2

 बसंत धीरे धीरे 

हो जाएगा खत्म 

उससे पहले खत्म होगा 

जीवन में प्रेम । 


कहते हैं 

बहुत कम बोलती है वह लड़की 

और जब बोलती है तो 

झड़ता है कोई रातरानी 

अंधेरे के सन्नाटे में

जब चुप हो जाएगी वह लड़की 

जब हो जाएंगे महीने उसके बोले 

बसंत धीरे धीरे आना कम कर देगा 

शायद तुम नहीं जानते 

बसंत के आने और लड़की के बोलने से ही तो है 

दुनियाँ इतनी खूबसूरत ! 


कहते हैं 

उसके पलकों पर 

बसते हैं मोती 

छूने से पहले ही 

टपक पड़ते हैं निर्झर 

जब उसके आँखों का पानी 

बन जाएगा पत्थर पककर 

बसंत आना कम कर देगा । 

शायद तुम नहीं जानते 

बसंत के आने और आँखों के नम रहने से ही तो है 

दुनियाँ इतनी खूबसूरत । 

नाम ही तो है बसत । 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें