मसखरे कहलाते हैं
सच का साथ देने का जो हौसला दिखाते हैं
कटघरे लाये जाते हैं
जो चलते हैं हाथ में मशाल लेकर
सिरफिरे कहलाते हैं
अपने आंसू रोक कर जो औरों को हंसाते हैं
मसखरे कहलाते हैं
हो गए हैं जो उम्रे दराज
ना उनके कोई सहारे रह जाते हैं
जो करते हैं इंसानियत की बात
जमाने गुजरे कहे जाते हैंअपने आंसू रोक कर जो औरों को हंसाते हैं
मसखरे कहलाते हैं
बच्चों के साथ समय गुजारने का वक्त है नहीं
वे ही आदमी बड़े कहे जाते हैं
ओढ़े जो रहते हैं हंसी का नकाब
असली चेहरे समझे जाते हैं
अपने आंसू रोक कर जो औरों को हंसाते हैं
मसखरे कहलाते हैं
भीड़ है इस दुनिया में बहुत लेकिन
बहुत कम अपने कहे जाते हैं
हर हाल में जो रहे आपके पास वे ही
लोग प्यारे कहे जाते हैं
अपने आंसू रोक कर जो औरों को हंसाते हैं
मसखरे कहलाते हैं
सच का साथ देने का जो हौसला दिखाते हैं
जवाब देंहटाएंकटघरे लाये जाते हैं
जो चलते हैं हाथ में मशाल लेकर
सिरफिरे कहलाते हैं
अपने आंसू रोक कर जो औरों को हंसाते हैं
मसखरे कहलाते हैं ......par kabhi unke liye socha,we muskaan kahan se late hain,dard ko kahan dafan karte hain @
bahut hi badhiyaa
Bahut khoob...arun jee,
जवाब देंहटाएंrachna baut sunder ban badi hai.
jeevan ke yathartha ko ujgar karti kavita
जवाब देंहटाएंजो करते हैं इंसानियत की बात
जवाब देंहटाएंजमाने गुजरे कहे जाते हैं
अपने आंसू रोक कर जो औरों को हंसाते हैं
मसखरे कहलाते हैं
apne aansoo rokkar jo auron ko hansate hai vahi sachche insan kahlane ke hakdar hai. anokhi rachna..... badhai.....
आपके ब्लॉग पर पहली बार आ पाई और वो भी देर से. माफ़ी चाहूंगी बाहर गयी थी सो देर हो गयी
जवाब देंहटाएंबहुत प्रभावशाली रचना सुंदर दिल को छूते शब्द .मनभावन,अद्भुत और हाँ आपकी पोस्ट पढने जो आते हैं उन्हें क्या कहेंगे सिरफिरे हा हा हा . . . . . .. ..
bahut sunder rachana.
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