१
गीले भीत के
ढहने के डर से
नींद नहीं आती है
भादो मास
हे देश !
क्यों नहीं है तुम्हें पता ?
२
भादो मास के अन्हरिया में
टूटी हुई चट्टी* पहनकर
गया था वह दिशा मैदान
काट लिया साँप ने
कोसों दूर
न डाक्टर न अस्पताल
मर गया झाड फूंक के दौरान
हे देश !
क्यों नहीं बनी यह खबर ?
३
भादो मास
जो चढ़ी थी नदी
बँटना शुरू हो गया था
अनाज, पन्नी
सुना था रेडियो पर
पंहुचा नहीं मेरे गाँव
हे देश !
क्यों नहीं बना यह मुद्दा ?
४
६५वा भादो है यह
देश का
आज़ादी के बाद
इस बीच
क्यों नहीं आया
कोई अगहन
मेरे लिए
हे देश !
क्या है उत्तर सर्वोच्च संसद के पास ?
*चप्पल
*चप्पल