१.
महानगर की
लालबत्ती पर
कटोरे में
लक्ष्मी गणेश की मूर्ति लिए
एक करीब सात साल का लड़का
ठोक रहा है बंद शीशा
मना रहा है दीपावली
२.
दीपावली पर
हार्दिक शुभकामना के कार्ड
छापते छापते
सोया नहीं है वह
पिछले कई रातों से
आँखें दीप सी चमक रही हैं
ओवर टाइम के रुपयों को देख
आज सोयेगा मन भर
पटाखों के शोर के बीच
मनायेगा दीपावली
३
मिठाई के डब्बे पर
चढाते चढाते
चमकीली प्लास्टिक की पन्नी
आँखों के चमक भी
हो गईं हैं प्लास्टिक सी
अब नहीं देखता है वह
सामने खड़े ग्राहक की ओर
वह तो मनाता है दीपावली
दशहरा, तीज, करवाचौथ को भी
गोबर से लीपे हुए आँगन में
माँ करती है इन्तजार
दीप जलते जलते
बुझ जाता है
आधी रात के बाद
वर्षों से कई माएं मानती हैं
ऐसे ही दीपावली
५.
जलाते हुए तुलसी पर एक दीप
उन्हें मेरी याद जो आ गई
दिए की लौ से
जल सी गई उंगलिया
दीप और आँखों का तेज़
बढ़ सा गया
रंगोली आ के टिक गयी
गालों पर
दीपावली विशेष हो गया
ज्योतिपर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामना !
आई है दिवाली देखो संग लायी है खुशियाँ देखो.
जवाब देंहटाएंयहाँ, वहां, जहाँ देखो
आज दीप जगमगाते देखो!
शुभ दीपावली!
शुभ दीपावली,
जवाब देंहटाएंkahin aisi bhi hoti hai deepawali...deepawali ki shubhkamnayen...
जवाब देंहटाएंदीवाली अपनी-अपनी.
जवाब देंहटाएंHappy Diwali Sir...:)
जवाब देंहटाएंnice post
सबके लिये विशेष दीवाली, सब खर्च करना चाहते हैं कुछ न कुछ।
जवाब देंहटाएंबहुत भावभीने चित्र दिखाए ...
जवाब देंहटाएंदीपावली की शुभकामनाएँ
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल 27-10 - 2011 को यहाँ भी है
जवाब देंहटाएं...नयी पुरानी हलचल में आज ...
आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएँ!
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंदीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
दीपावली सबके लिए अलग अलग चित्र और मायने लिए हुए...
जवाब देंहटाएंसटीक चित्र खींचें हैं शब्दों के माध्यम से!
शुभ दीपावली!
जलाते हुए तुलसी पर एक दीप
जवाब देंहटाएंउन्हें मेरी याद जो आ गई
दिए की लौ से
जल सी गई उंगलिया
दीप और आँखों का तेज़
बढ़ सा गया
रंगोली आ के टिक गयी
गालों पर
दीपावली विशेष हो गया ...दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
सुंदर अभिव्यक्ति ..
जवाब देंहटाएं.. आपको दीपपर्व की असीम शुभकामनाएं !!
इस विशेष दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंहमारी तो विशेष दिवाली कल ही मनी थी, इडेन गार्डेन में।
अरुण जी......उफ्फ्फ.....आपका अंदाज़-ए-बयां.........एक बार फिर हैट्स ऑफ |
जवाब देंहटाएंअरुण भाई इस बार भी आप ने अपनी कविताओं के ज़रिये कमाल किया है
जवाब देंहटाएंदिवाली, भाई दूज और नव वर्ष की शुभकामनायें
Happy Diwali
जवाब देंहटाएंnicepoem
अरुण जी ... कविताओं के जरिये अलग अलग कोलाज बिखेर दिए हैं आपने ... बहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंआपको और परिवार में सभी को दीपावली की मंगल कामनाएं ..
नसीब अपना अपना ..भावपूर्ण प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंकिन लफ़्ज़ो मे तारीफ़ करूँ ……………हमेशा कीतरह लाजवाब्।दिवाली की आपको हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंदीपावली के विविध रूप ..
जवाब देंहटाएंएक करीब सात साल का लड़का
ठोक रहा है बंद शीशा
मना रहा है दीपावली
उफ़ !
भावपूर्ण प्रस्तुति अरुण जी
जवाब देंहटाएंआपको और आपके प्रियजनों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें….!
संजय भास्कर
आदत....मुस्कुराने की
पर आपका स्वागत है
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
खरी-खरी दीवाली, तपिश भी जगमग भी.
जवाब देंहटाएंआज सोयेगा मन भर
जवाब देंहटाएंपटाखों के शोर के बीच
मनायेगा दीपावली
कितनी विसंगतियां हैं हमारे समाज में....
इन क्षणिकाओं में बखूबी बयाँ हो गयी हैं.
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जवाब देंहटाएं*****************************
* आप सबको दीवाली की रामराम !*
*~* भाईदूज की बधाई और मंगलकामनाएं !*~*
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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लालबत्ती पर
जवाब देंहटाएंकटोरे में लक्ष्मी ...
माँ का इन्तजार
तुलसी में दीया ....
उफ्फ.....कितनी कडवी सच्चाई उठा लाते हैं आप ......
प्रस्तुति अच्छी लगी । दीपावली तो बीत गया पर राय जी, हम लोग साहित्य से जुड़े हैं, इसलिए कह सके हैं कि जो बीत गया वह वापस भी आ जाता है । दीपावली की शुभकामनाओं के साथ-विलंब से ही सही । मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंNaya nazriya.. naye tereh ki kavitaayein.. fourth poem bahut pasand aayi.. :)
जवाब देंहटाएंगीत याद आ गया कहीँ दीप जले कहीं दिल ।समाझ की विसंगतिओं की भावमय प्रस्तुति। शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंअद्भुत कविता
जवाब देंहटाएंजलाते हुए तुलसी पर एक दीप
जवाब देंहटाएंउन्हें मेरी याद जो आ गई
दिए की लौ से
जल सी गई उंगलिया
दीप और आँखों का तेज
बढ़ सा गया
रंगोली आ के टिक गयी
गालों पर
दीपावली विशेष हो गया
अनछुए संदर्भों पर लिखी जाने के बावजूद आपकी कविताएं दिल के बहुत करीब होती हैं।
भावमय करते शब्दों का संगम है ...यह अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंwaah...
जवाब देंहटाएंwakai kitni aankhon ki diwali likh di aapne... sach hamne bhi dekhi aisi aankhen...
deep ki jagmag se roshan hoti aankhen...
na jane kitna kuch chhupa liya hai apne bheetar
na jane kaha samet li hai khushiyon ki chadar...
kai baar dekhi ahi,
ek khushi ko tarasti aankhe...
bas aapki rachna padhkar soojhi so likh di... ummeed hai aapko pasadn aayegi...
जलाते हुए तुलसी पर एक दीप
जवाब देंहटाएंउन्हें मेरी याद जो आ गई
दिए की लौ से
जल सी गई उंगलिया
दीप और आँखों का तेज़
बढ़ सा गया
रंगोली आ के टिक गयी
गालों पर
दीपावली विशेष हो गया
....लाज़वाब....हरेक चित्र बहुत मर्मस्पर्शी और भाव मन को गहराई तक झकझोर देते हैं...
बढ़िया शब्द चित्र...
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनायें आपको !
द्रवित करती बातें, विचार और आपकी क्षणिकाएं. आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएँ!
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