श्री निर्मल गुप्त एक सिद्धहस्त व्यंग्यकार, कवि और कहानीकार हैं. ज्योतिपर्व प्रकाशन से उनकी प्रथम पुस्तक "एक शहर किस्सों भरा" प्रकाशित हुई है. इस पुस्तक की समीक्षा पढ़िए. समीक्षक हैं श्री प्रशांत मिश्र. समीक्षा दैनिक जागरण में प्रकाशित हुई है।
01 जुलाई, 2012 से इस पुस्तक के साथ - साथ ज्योतिपर्व प्रकाशन से प्रकाशित सभी पुस्तकें फ्लिप्कार्ट पर ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध होंगी।
बधाई सहित शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबधाई स्वीकार करे और आपका आभार !
जवाब देंहटाएंकृपया मेरे ब्लोग्स पर आपका स्वागत है . आईये और अपनी बहुमूल्य राय से हमें अनुग्रहित करे.
कविताओ के मन से
कहानियो के मन से
बस यूँ ही
....शुभकामनाएं !!!
जवाब देंहटाएंवाह!
जवाब देंहटाएंबधाई!!
शुभकामनाएं!!!
बधाई
जवाब देंहटाएंबधाई..
जवाब देंहटाएंफिल्पकार्ट पर किताबें उपलब्ध होंगी, यह एक शुभ सूचना है। बधाई।
जवाब देंहटाएंये हुई ना बात....
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई.
hardik badhayee....
जवाब देंहटाएंबधाई और शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंयह सच में बहुत अच्छा किया आपने..
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई हो अरुण जी!
जवाब देंहटाएंबधाई निर्मल जी को और आपको भी ....
जवाब देंहटाएंसमीक्षा पढने को मिल जाती तो और भी अच्छा लगता .....!!
बहुत बहुत बधाई ...
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंPlease return the advance payment and original manuscript that you are holding for last 8 months with you
जवाब देंहटाएंIts very unprofessional