यह है
प्लेटफर्म नंबर 16
जहाँ से जाती हैं
रेलगाडियां
पूरब की तरफ
पूरब
जहाँ सूरज पहले तो निकलता है
लेकिन रौशनी पहुचती है
सबसे बाद में
इस प्लेटफार्म से
रेलगाड़ियों में चढ़ती है
थके हुए सपने
टूटे बिखरे
जड़ो से उखड़े हुए
अपनी जड़ों की तलाश के जल्दी में
इस प्लेटफार्म से
रेलगाड़ियों में चढ़ती है भीड़
भीड़ जिसने तय समय में
खडी कर दी अट्टालिकाएं
जिसकी भुजाओं ने दिन रात एक कर
पूरे किये विलायती आर्डर
जिसने उठाये कूड़े
जिसने पिलाई चाय
उठाये बोझे
प्रगति के पथ पर जिनका नहीं खुदा कभी कोई नाम
इस प्लेटफार्म से
रेलगाड़ियों में चढ़ता है रोगियों का जत्था
जीर्ण-शीर्ण शरीर लिए
कुछ ठीक हुए, कुछ नई तारीख लिए
कुछ लौटाए हुए
देश के सबसे बड़े अस्पताल से
सोचते हुए ऐसा अस्पताल उसके यहाँ क्यूं नहीं है
जहाँ हैं मरीज़ अधिक , जहाँ मरते हैं लोग अधिक
इस प्लेटफार्म से
रेलगाड़ियों में में लदता है बोरियों की तरह
बेटी की शादी करने वाला पिता,
शादी करने वाली बेटी
होने वाला दूल्हा
और उनमे शामिल होने वाला बाराती-सराती
जिनके मन में गूँज रहा होता है
देवी गीत, गाली गीत , उबटन गीत
प्लेटफार्म नंबर 16
रेलवे का प्लेटफार्म भर नहीं है
आशा की किरण है
पूरब के लिए .
टूटे बिखरे
जड़ो से उखड़े हुए
अपनी जड़ों की तलाश के जल्दी में
इस प्लेटफार्म से
रेलगाड़ियों में चढ़ती है भीड़
भीड़ जिसने तय समय में
खडी कर दी अट्टालिकाएं
जिसकी भुजाओं ने दिन रात एक कर
पूरे किये विलायती आर्डर
जिसने उठाये कूड़े
जिसने पिलाई चाय
उठाये बोझे
प्रगति के पथ पर जिनका नहीं खुदा कभी कोई नाम
इस प्लेटफार्म से
रेलगाड़ियों में चढ़ता है रोगियों का जत्था
जीर्ण-शीर्ण शरीर लिए
कुछ ठीक हुए, कुछ नई तारीख लिए
कुछ लौटाए हुए
देश के सबसे बड़े अस्पताल से
सोचते हुए ऐसा अस्पताल उसके यहाँ क्यूं नहीं है
जहाँ हैं मरीज़ अधिक , जहाँ मरते हैं लोग अधिक
इस प्लेटफार्म से
रेलगाड़ियों में में लदता है बोरियों की तरह
बेटी की शादी करने वाला पिता,
शादी करने वाली बेटी
होने वाला दूल्हा
और उनमे शामिल होने वाला बाराती-सराती
जिनके मन में गूँज रहा होता है
देवी गीत, गाली गीत , उबटन गीत
प्लेटफार्म नंबर 16
रेलवे का प्लेटफार्म भर नहीं है
आशा की किरण है
पूरब के लिए .
वाह
जवाब देंहटाएंबहुत गहरी अभिव्यक्ति ... प्लेटफोर्म १६ के माध्यम से जीवन की कडुवी सचाई को परोसती है आपकी रचना ... कमाल की रचना ....
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