जी जी कहने में
लगे हैं संतरी
जी जी कहने में
लगें हैं मंत्री
हम ही जो कहने लगे जी जी
आपको क्यों हुई नाराजगी !
जी जी कहने में
लगे हैं अखबार
जी जी कहने में
लगे हैं पत्रकार
जी जी की रट में समाचार
हो गया व्यापार
हमारा जी जी
क्यों हो गया व्यभिचार !
जी जी कहने में
लगे हैं उद्योगपति
जी जी कहकर
जुटा रहे अकूत संपत्ति
जी जी जो न करे
उसकी है अधोगति
फिर हमारी जी जी से
आपको क्यों लगा मारी गई मेरी मति
जी जी !
जी-जी सर!
जवाब देंहटाएंकितने साल बाद आप ब्लॉग पर आये मनोज जी .
हटाएंजी नहीं जी नहीं भी हैं कुछ पागल :)
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