सोमवार, 16 सितंबर 2019

जी



जी जी कहने में 
लगे हैं संतरी 
जी जी कहने में 
लगें हैं मंत्री 
हम ही जो कहने लगे जी जी 
आपको क्यों हुई नाराजगी !

जी जी कहने में 
लगे हैं अखबार 
जी जी कहने में 
लगे हैं पत्रकार 
जी जी की रट में समाचार 
हो गया व्यापार 
हमारा जी जी 
क्यों हो गया व्यभिचार !

जी जी कहने में 
लगे हैं उद्योगपति 
जी जी कहकर 
जुटा रहे अकूत संपत्ति 
जी जी जो न करे 
उसकी है अधोगति 
फिर हमारी जी जी से 
आपको क्यों लगा मारी गई मेरी मति 

जी जी ! 

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