बनती हैं
प्रतिमाएं मिट्टी की
बड़े जतन से कुम्हार
गढ़ता है सबसे पहले पैर
और आखिरी में आँख ।
आँखों के खुलते ही
प्रतिमा में प्रतिष्ठित हो जाते हैं प्राण !
सचमुच ,आँखों में ही बसते हैं प्राण ।
बहुत ही सुन्दर सार्थक रचना
वाह
वाह !!!
बहुत सुंदर रचना
बहुत ही सुन्दर सार्थक रचना
जवाब देंहटाएंवाह
जवाब देंहटाएंवाह !!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
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