कंधे
नाओमी शिहाब नी
वह आदमी बारिश में
पार कर रहा है सड़क
धीरे धीरे कदम बढ़ाते हुए,
देखता है दो बार दाईं और बाईं ओर
क्योंकि उसका बेटा आराम से सो रहा है उसके कंधों पर
वह संभल कर पार कर रहा है सड़क कि कोई गाड़ी उसे कुचल न दे
कोई गाड़ी उसे छू कर निकल न जाए
उसके कन्धों पर है दुनियां की सबसे नाजुक चीज़
लेकिन उसके लिए नहीं लिखा है कहीं कोई
चेतावनी या सावधानी वाले निर्देश
उसकी जैकेट पर नहीं लिखा है कि उसके कंधों पर है
दुनियाँ की सबसे नाज़ुक चीज़ कि सावधानी से गाडी चलाएं !
उसके कानों में गूंजती है बच्चे की सांस
उसे साफ़ साफ़ सुनाई देती है
बच्चे के सपनों की गूँज
यदि हम उसकी आवाज़ नहीं सुन सकते
यदि हम उनकी चिंता नहीं समझ सकते
तो नहीं हैं हम इस दुनिया में रहने लायक !
अनुवाद : अरुण चंद्र राय
वाह
जवाब देंहटाएंबेहद गहन भाव लिए सरल अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंसादर।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार ९ फरवरी २०२४ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
सुंदर अनुवाद
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ... सोचने को मजबूर करती कविता ... अच्छा अनुवाद ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर
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