१
वर्षो से
सैकडों फोन
रोज सुनती है वो
लेकिन नही आया
वो एक फोन
जिसका इंतज़ार था उसे .
२
टेलीफोन के पैड पर
थिरकतीं हैं उसकी उंगलियाँ ऐसे
जैसे थिरका था उसका पांव
पहला प्यार होने पर .
३
दफ्तर के पीछे वाली खिड़की पर
रहने वाली गौरैया
बहुत खुश थी आज
उसने जाने थे अंडे
पहली बार इर्ष्या की आग में
जली थी वो .
बढ़िया अभिव्यक्ति बहुत सुन्दर रचना बधाई
जवाब देंहटाएंnari man ko bahut gahare se jana hai. bahut sunder likha hai . badhai
जवाब देंहटाएंitna achcha likhte hai. ab tak to kai books likh li hongi. starting ka photo bahut impresive hai
जवाब देंहटाएंanamika ji abhi to likhna shuru kiya hai ! aap logon ke taareef yon hi milti rahegi to aur bhi likhunga ... kitabein bhi aayengi !
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